Chandrayaan 3: भारत ने चांद तक पहुंचने की तरफ अपना एक और कदम बढ़ा दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज (14 जुलाई, शुक्रवार) भारत के तीसरे चंद्रयान मिशन को लॉन्च किया गया। काउंटडाउन के बाद सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 रॉकेट की लॉन्चिंग हुई और इसे अंतरिक्ष में भेजा गया। जिसके बाद भारत अब दुनियाभर में एक बड़ा कीर्तिमान हासिल करने के काफी करीब है। अगर चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सेफ लैंडिंग हो जाती है तो भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने ये कारनामा करके दिखाया है।
40 दिनों में पूरा होगा चांद तक का सफर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तरफ से इस लॉन्चिंग को लेकर बताया गया कि तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ साल 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम पलों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था। क्रैश लैंडिंग के चलते ये मिशन सफल नहीं रहा। वैज्ञानिकों ने बताया कि इसे अपना सफर पूरा करने में 40 दिनों का समय लगेगा।
ISRO कर रहा सफल लैंडिंग की तैयारी
‘चंद्रयान-3’ प्रोग्राम के तहत इसरो अपने मून मॉड्यूल की मदद से चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर की चहलकदमी का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है. एलवीएम3एम4 रॉकेट इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3’ को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा की यात्रा पर लेकर रवाना हुआ है। इस रॉकेट को पहले जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ भी कहते हैं। इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये अगस्त के आखिर में चंद्रमा पर उतरेगा।
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