China Removed One Child Policy: दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन भी अब अपने यहां गिरती जन्मदर से चिंतित हो उठा है। दशकों से अपनाता चला आ रहा ‘एक बच्चे की नीति’ कोरोनाकाल में उसके लिए ही भष्मासुर साबित होने लगी है। अपनी ही कठोर नीति में उलझ चुके चीन में बढ़ती बूढ़ों की आबादी और घटती जन्मदर से उसके यहां युवाओं की कमी का कारण बन गई है। जिसकी आशंका से चिंता में डूबे, उसने 2016 में ही एक बच्चे की नीति को त्याग दिया था। लेकिन कोरोना महामारी से कराह रहे चीन को अब अपने ही अस्तित्व पर खतरा नजर आने लगा है। इसी गिरावट को रोकने के लिए चीनी सरकार अब तेजी से जुट गई है। इसके लिए चीन का सिचुआन प्रान्त बड़ा कदम उठाते हुए अपने यहां के दंपतियों को कितने भी बच्चे पैदा करने की अनुमति देने जा रहा है। इसके तहत अब अविवाहित लोग भी अपने बच्चों का बिना डर के पालन पोषण कर सकेंगे। जिसकी यहां पहले सख्त पाबंदी थी।
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2016 में ही छोड़ी ‘एक बच्चे की नीति’
आपको बता दें चीनी संस्कृति में भी लड़कों को लड़कियों की तुलना में परिवार अधिक तरजीह देते हैं। जिसके कारण गर्भपात की संख्या में बढ़ोतरी से पिछले 60 सालों में चीन की जन्मदर में भारी गिरावट आई है। जिसमें कोविड19 महामारी ने आग में घी का काम कर दिया। 1979 से लंबे समय तक एक बच्चे की नीति पर चले चीन ने 2016 में इस नीति को समाप्त कर दिया था। लेकिन पिछले साल 2021 में जन्मदर से अधिक मृत्युदर बाद गई। जिसके बाद चीन सरकार ने त्वरित फैसला लेते हुए विवाहित जोड़ों को 3 बच्चे पैदा करने की राष्ट्रीय नीति बना दी थी। जबकि इससे पहले एक बच्चे की नीति के तहत चीनी सरकार इतनी कठोर थी कि नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगा देती थी । यहां तक की लोगों को नौकरियों तक से बर्खास्त कर देती थी।
सिचुआन प्रान्त से कर रही है शुरुआत
चीनी सरकार अपने दक्षिण पश्चिम में बसे सिचुआन प्रान्त में इस नई छूट को लागू करने जा रही है। जिसकी आबादी अभी 8 करोड़ के आसपास है। इस नए नियम के अनुसार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दंपतियों को बेहतर मातृत्व देखभाल की पेशकश के साथ ही करों में अधिक छूट का आदेश दिया है। आपको बता दें लंबी जीरो कोविड नीति के कारण चीन का औद्योगिक ढांचा चरमरा गया था। जिससे आम नागरिकों के दबाब के कारण चीन ने आनन फानन में इस जीरो कोविड नीति को वापस ले लिया। ये फैसला ही चीन में लिए भष्मासुर बन गया, और कोविड महामारी ने अपने पैर तेजी से गांव कस्बों तक पसार लिए। जिसके कारण चीन में मौतों की संख्याओं बढ़ गई है। इसी भयावहता के अंदेशे को भांपते हुए चीन ने नए नियम को लागू करने का फैसला लिया है
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