CM Dhami: उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से पेपर लीक,भर्तियों में गड़बड़ी और परीक्षाओं में नकल का मुद्दा गरम बना हुआ है। जिसे लेकर राज्य के युवाओं में बेहद आक्रोश बढ़ रहा था। कल गुरुवार को भी भर्ती परीक्षाओं को लेकर भी बड़ा हंगामा खड़ा हो गया था। जिससे इस मुद्दे को लेकर सीएम धामी पर कुछ कड़े फैसले लेने का दबाव बढ़ता ही जा रहा था। इसी को देखते हुए सीएम धामी ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए एक कठोर नकल विरोधी अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से मंजूरी दे दी। जब कि पहले उत्तराखंड सरकार इसे 15 फरवरी को अपनी कैबिनेट की बैठक में चर्चा को लाने वाली थी। लेकिन हंगामा,दबाव और मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए सीएम धामी ने आज ही इसको मंजूरी दे दी।
जानें कैसा है यह नकल अध्यादेश
उत्तराखंड के इस नकल अध्यादेश में धामी सरकार ने अब ऐसे कठोर प्रावधानों को शामिल किया है जिसके अनुसार उत्तराखंड में अब नकल एक जमानती अपराध होगा। इस अपराध में दोषी पाया गए आरोपी को दस साल के कठोर कारावास की सजा दी जा सकती है। अधिकतम सजा के रुप में अब दोषी व्यक्ति की संपत्ति भी कुर्क की जा सकेगी। इसके साथ ही नकल करते पकड़े गए अभ्यर्थी को अन्य दूसरी परीक्षाओं में बैठने पर प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
सीएम ने अपनाया है अबतक कठोर रुख
सीएम ने अब तक भर्ती परीक्षाओं के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के रुप में सीधे अपने ही आदेश से 9 दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा गिरफ्तारी करवा चुके हैं। इसके साथ- साथ राज्य सरकार ने लोक सेवा आयोग के एग्जाम कंट्रोलर सुंदर लाल सेमवाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है और उन्हें किसी भी तरह की जिम्मेदारी से दूर इन वेटिंग पोजीशन कर दिया गया है। उनकी जगह अब हरिद्वार के सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार को आयोग का एग्जाम कंट्रोलर बनने की जिम्मेदारी दी गई है।
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