CM Dhami Joshimath Visit: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भूधंसाव की भूस्थिति का निरीक्षण करने अंततः जोशीमठ पहुंच गए। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में राज्य की नगर विकास योजना नागरिकों के सुरक्षित जीवन की प्राथमिकता के आधार पर ही सुनिश्चित होंगी।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य में हुए खतरनाक भूधंसाव के की भूस्थिति का निरीक्षण करने जोशीमठ पहुंच गए। उन्होंने जोशीमठ पहुंचते ही सबसे पहले भूधंसाव से पीड़ित और प्रभावित हुए परिवारों से भेंट की। उन्होंने नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों को राहत और सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर कार्य करेगी। पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि देहरादून पहुंचकर नगर विकास से संबंधित अलग अलग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकर एक सुरक्षित कार्य योजना बनाएंगे जिनके लिए अलग अलग एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। ताकि विभाग और परियोजना कार्यकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर परियोजनाओं को सुरक्षित पूर्ण किया जा सके। इसी प्रकार उत्तराखंड के नगरों को अब उनकी भूस्थैतिक परिस्थिति के अनुसार भिन्न भिन्न जोनों में बांटा जाएगा। ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा में नागरिकों के जनजीवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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तत्काल खाली होगा जोशीमठ
बद्रीनाथ धाम से मात्र 50 किमी के गंतव्य पर स्थित उत्तराखंड के जोशीमठ नगर की स्थिति भयानक है। भूधंसाव निरंतर हो रहा है। लोगों के मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई हैं। लोग अपने परिवारों की सुरक्षा के भय से मकानों को तत्काल खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर गए हैं।
इस आपदा स्थिति लेकर सीएम धामी ने देहरादून में अधिकारीयों को लेकर एक आपात बैठक बुलाई थी। उन्होंने अधिकारीयों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि तत्काल किसी सुरक्षित स्थान को खोजकर एक बड़े अस्थायी पुनर्वास केंद्र खड़ा किया जाए। ताकि प्रभावित, पलायित नागरिकों को शीघ्रातिशीघ्र वहां भेजा जा सके। इसके साथ साथ जोशीमठ नगर के लिए सेक्टर और जोनल वार स्तर की कार्ययोजना तैयार कीजिए। अधिकारीयों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि डेंजर जाने को तत्काल खाली कराकर एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित कीजिए।
प्रभावित मकानों,परिवारों को मिलेगी राहत सहायता
मुख्यमंत्री की बैठक के तत्काल पश्चात जोशीमठ नगर प्रशासन ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 500 से अधिक प्रभावित मकानों तथा परिवारों को किराया देने की घोषणा कर दी। अधिकारीयों के अनुसार जिन नागरिकों के घर खतरे के अंदर हैं अथवा निवास करने योग्य नहीं बचे हैं। उनको उत्तराखंड सरकार 6 माह तक 4000 रु प्रति माह किराया देगी। यह सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
रोकना पड़ा एनटीपीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट का कार्य
स्थानीय लोगों ,पर्यावरणविदों तथा सामाजिक स्वतंत्र भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों के दबाब में अंततः एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट का कार्य तथा उसके अंतर्गत बन रही तपोवन विष्णुगाड़ हाइड्रो परियोजना, सेलंग सुरंग का टनलिंग तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। समस्या की विकट स्थिति को देखते हुए बीआरओ के अधीन बनने वाले हेलंग बाईपास निर्माण कार्य तथा नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत होने वाले विकास कार्यों को भी अगले आदेश तक जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है।
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