CM Shivraj Singh: भाजपा नेता गौरीशंकर बिसेन ने शिवराज सरकार को धमकाते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह में राशन का गेहूं सरकारी गल्ला दुकानों पर नहीं पहुंचा तो इस आशय की शिकायत सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करूंगा।
मध्य प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने को हैं। इसके साथ साथ अगले माह फरवरी में इस सरकार का अंतिम बजट सत्र भी होना है। चुनावी वर्ष में प्रत्येक पार्टी में कुछ असंतुष्ट राजनेताओं के लिए ये वर्ष एक सुनहरा अवसर होता है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश भाजपा में भी समय समय पर असंतुष्ट नेताओं और उनके मुखर वक्तव्यों से अंतर्विरोध निकलकर बाहर आता रहा है। इस बार अभी तक मध्य प्रदेश भाजपा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर तथा पूर्व मंत्री उमा भारती की मुखर टिप्पणियों से दो-चार थी अब इसी कढ़ी में एक और अपूर्व मंत्री ने शिवराज सरकार को मुखर धमकी देकर पार्टी में कुछ भी सही न होने का संकेत दिल्ली तक पहुंचा दिया है। चूंकि भाजपा इस तरह के अंतर्विरोध का दुष्परिणाम हिमाचल विधानसभा चुनावों में झेल चुके है। तो इस बार यह संकेत भाजपा राष्ट्रिय कार्यकारिणी साधारण रूप से नहीं ले सकती।
जानें क्या है पूरा विषय
आपको बता दें पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा के अध्यक्ष हैं। जो विगत दिनों छिंदवाड़ा तथा बालाघाट दौरे पर थे किन्तु जिला कलक्टर इस दौरे के समय बिल्कुल नदारद थे इससे वो काफी नाराज भी थे। इस दौरान वो राशन की दुकानों पर निरीक्षण कर रहे थे। लेकिन राशन दुकानों पर गेहूं की अनुलब्धता और आम लोगों को मिलने में हो रही समस्याओं के बारे में कोई उत्तरदायी अधिकारी न होना। उनकी नाराजगी का कारण बन गया। इसी कारण उन्होंने शिवराज सरकार को तत्काल एक सप्ताह में राशन दुकानों पर पहुंच जाने की धमकी दी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने जब विगत वर्ष 1.90 करोड़ मीट्रिक टन गेंहूं क्रय किया है तब गेंहूं चला कहाँ गया ? यदि इसका समुचित निदान नहीं हुआ तो इस विषय को सीधा पीएम मोदी के समक्ष ही उठाऊंगा।
राशन वितरण में गेंहू की मात्रा कम कर दिया है
आपको बता दें बीते जून से ही राशन से गेहूं की मात्रा सरकारों कम करके चावल की मात्रा बढ़ा दी है जबकि गेंहू का मूल्य बाजार में ढाई हज़ार से तीन हजार रु/ क्विंटल हो चुका है तो साधारण निर्धन व्यक्ति के लिए इतना मंहगा गेहूं नहीं क्रय कर सकता। गेंहूं उसकी पहुंच से बाहर होता जा रहा है। इससे आम राशन लाभार्थी नाराज हो रहा है। उसे विवशतावश चावल खाकर पेट भरना पड़ रहा है। किन्तु छोटे बच्चों के लिए स्थिति कष्टदायक है।
राज्य सरकार ने लिखा केंद्र को पत्र
इस आशय का एक पत्र सीएम शिवराज पहले भी केंद्र को लिख चुके हैं। इस पत्र में लिहा गया है कि राशन की दुकानों को पर्याप्त गेंहूं उपलब्ध कराइ जाए और पूर्ववर्ती व्यवस्था के अनुसार ही 4 किलो गेंहूं, 1 किलो चावल प्रति यूनिट मिलने वाली व्यवस्था को लागु किया जाए।
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