Earthquake News: बीते कई दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों में भूकंप के झटके देखने को मिले हैं जिसके कारण लोगों के अंदर एक डर सा बैठ गया है लोगों को लग रहा है कहीं इन भूकंप की वजह से उनकी जान खतरे में न पड़ जाए।
भूकंप को लेकर लोगों के मन में बैठा डर
दिल्ली एनसीआर में बीते मंगलवार को दोपहर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। इस तरह से भूकंप आने के बाद लोगों के मन में काफी ज्यादा डर बैठ गया है। 24 से 30 मंजिला बिल्डिंग में रहने वाले लोग और फ्लैट में रहने वाले लोग घबरा रहे हैं, कि कहीं भूकंप की वजह से उनकी जान खतरे में ना पड़ जाए। क्योंकि उनके अंदर यह डर पैदा हो गया है, कि अगर ज्यादा तगड़ा भूकंप आएगा तो कहीं बिल्डिंग गिर ना जाए।
कल दिल्ली एनसीआर में लोगों के घरों के झूमर हिलने लगे थे, जिसकी वजह से लोग सड़कों पर निकल आए थे। इसके साथ ही भूकंप को लेकर काफी देर तक घबराहट लोगों के अंदर बनी रही। हालांकि दिल्ली एनसीआर में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। जब ऐसा होता है तो कहा जाता है इस क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में बड़ी-बड़ी बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को एक्सपर्ट्स की बात जरूर समझनी चाहिए।
ऊंची बिल्डिंग होने से खतरा ज्यादा नहीं होता
बता दें कि अपार्टमेंट और हाई राइज बिल्डिंग को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऊंची बिल्डिंग होने का मतलब यह नहीं है कि उसे खतरा ज्यादा है। एक्सपर्ट ने आगे बताया कि किसी इमारत की ऊंचाई उसे गिरने के लिए संवेदनशील नहीं बनती है। इमारत की सुरक्षा उसकी डिजाइन, किस तरह से मेंटेनेंस हो रहा है। उस पर और कई अन्य फैक्टरों पर निर्भर करती है। हालांकि अभी कोई भूकंपरोधी बिल्डिंग नहीं है। लेकिन भूकंप-रोधी इमारतें बनाई जा सकती है।
साइंटिस्ट बताते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में किसी बड़े नुकसान का कोई खतरा नहीं था, क्योंकि भूकंप का केंद्र हिमालय की नेपाल-अल्मोड़ा फॉल्ट लाइन में काफी दूर था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर ओपी मिश्रा ने बताया कि सबसे बड़ा भूकंप 6.2 की तीव्रता का था। हम इसे 14-15 किमी की गहराई में मान रहे हैं। 2.51 बजे यह आया। इसके तुरंत बाद 15 किमी की गहराई में 3.8 की तीव्रता का आफ्टरशॉक आया। 50-60 वर्ग किलोमीटर का एक सॉफ्ट जोन था, जहां आफ्टरशॉक आया। यह एक अच्छा संकेत है।
ऐसे बनते हैं भूकंप रोधी मकान
कई लोगों के मन सें सवाल होगा की आखिर कैसे भूकंपरोधी घर और इमारतें बनाई जा सकती हैं। उनकी जानकारी के लिए बता दें कि भूकंपरोधी इमारतें बनाने के लिए हाई क्वालिटी मटेरियल और बीम होने चाहिए। बता दें कि इन से मिलने वाली मजबूती से इमारतों को भूकंप के झटके झेलने के लिए सक्षम बनाती है। भूकंप रोधी इमारत बनाने के लिए सबसे पहली प्राथमिकता है उसकी नींव मजबूत हो। इसे मजबूत करने के लिए आइसोलेशन का उपयोग किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बेस आइसोलेशन ऐसी प्रोसेस है, जिसमें भूकंप के दौरान बिल्डिंग की नींव हिलती है। लेकिन इमारत स्थिर बनी रहती हैं।
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