Fake Cough Syrup: अक्सर लोग खांसी जुखाम होने पर कफ सिरप का सहारा लेते हैं। कफ सिरप को खांसी जुकाम जैसी बीमारियों में रामबाण इलाज मानकर पिया जाता है लेकिन आपको बता दें कि, बाजार में कई ऐसी कफ सिरप है जो नकली है। यह कफ सिरप बाजार में धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। इन नकली कफ सिरप से खासी जुखाम में फायदा मिलना तो दूर बल्कि ये आपके कीमती अंग जैसे किडनी और लिवर को डैमेज भी कर सकती है।
नकली कफ सिरप बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़
इसी कड़ी में हरियाणा के पलवल में एक नकली कफ सिरप बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ा गया है। स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो ने विंग्स कंपनी के ओनरेक्स की नकली कफ सिरप की बोतलें बरामद की हैं। इन नकली कफ सिरप की बोतलों में बंद हो चुका कोडीन फास्फेट मिलाया जा रहा था जो हमारे किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि डॉक्टर से पूछकर कफ सिरप को केमिस्ट की दुकान से खरीदे। इसी के साथ आज हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिससे आप नकली कफ सिरप का पहचान कर सकते हैं।
क्यूआर या यूनिक कोड को करें स्कैन
जब भी आप केमिस्ट की दुकान पर दवाइयां खरीदने जाएं तो दवाओं पर लगे क्यूआर या यूनिक कोड को अपने मोबाइल फोन की सहायता से स्कैन करके दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट का पता लगाएं। इस क्यूआर कोड में दवाई से जुड़ी सारी डिटेल्स मिल जाती हैं। ऐसे में अगर किसी भी कफ सिरप के कवर पर क्यूआर नहीं है तो इसका मतलब यह है कि वो कफ सिरप नकली हो सकती है।
कफ सिरप का सील करें चेक
इसी के साथ जब भी आप बाजार में दवाइयां खरीदने जाए तो दवा की मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट को जरूर देखें। बता दें कि, नकली कफ सिर्फ बेचने वाले कफ सिरप के ऊपर वाले डिस्क्रिप्शन को नहीं बदलते हैं जिसकी वजह से असली कब सिरप और नकली कफ सिरप में अंतर बताना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में एक बार कफ सिरप का सील भी चेक करें।
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