Gehlot-Pilot Tussle: जैसे जैसे राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का समय नजदीक आता जा रहा है, राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच खींचतान बढ़ती ही जा रही है। इसी बीच कांग्रेस आलाकमान की तरफ से आज दिल्ली में निर्णायक बैठक प्रस्तावित की गई थी। जिसमें सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने के आवास पर बुलाया गया था। लेकिन अंतिम समय पर इसे कैंसिल कर दिया गया। जिससे ये रार अभी सिमटने का नाम नहीं ले रही। ऐसे में कहा गया था कि सचिन पायलट 15 दिन का आखिरी अल्टीमेटम शीर्ष नेतृत्व को दे चुके हैं। लेकिन अचानक मीटिंग कैंसिल करने की वजह को राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का कर्नाटक कैबिनेट के विस्तार में जाना बताया जा रहा है।
सुलह की आखिरी कोशिश थी ये मीटिंग
बता दें सीएम गहलोत-पायलट का राजीनीतिक महत्वाकांक्षा विवाद चुनाव से पहले अपने अपने शक्ति प्रदर्शन के अंतिम पड़ाव पर है। इस विवाद की चपेट में पूरी राजस्थान कांग्रेस दो फाड़ होने की कगार पर पहुंच गई है। इस बैठक से पहले आलाकमान के पास संगठन, गहलोत सरकार के मंत्रियों, विधायकों के बयानों के साथ भृष्टाचार के मामलों की जानकारी पहुंची है। जिसमें कई अपनी सरकार के खिलाफ कई वीडियो और बयान कार्रवाई को लेकर हैं। इसके साथ ही 31 मई तक मे अल्टीमेटम का समय नजदीक आ गया है।
अल्टीमेटम को गहलोत ने बताया मीडिया का फैलाया भ्रम
वहीं दूसरी ओर पायलट के अल्टीमेटम को सीएम गहलोत ने मीडिया द्वारा फैलाया गया भ्रम बताया है। उन्होंने कहा पूरी कांग्रेस पार्टी एकजुट है। इसी तरह राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी पायलट के अल्टीमेटम दिए जाने जैसी किसी भी बात से इंकार किया है साथ ही आलाकमान के भी अल्टीमेटम से इंकार किया है। बता दें हाल ही में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर की जनसंघर्ष पदयात्रा के माध्यम से 3 मांगों के साथ 15 दिन का कांग्रेस आलाकमान को एक्शन लेने का अल्टीमेटम दिया था।
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