Ghaziabad News: लिंग परीक्षण के लिए बदनाम हो चुके गाजियाबाद के लोनी में कल बुधवार 31 मई 2023 को एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया। जो एक जेब में समा जाने वाली छोटी सी अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन से भ्रूण की जानकारी दे देता था। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने नकली ग्राहक बनकर दिल्ली के सरगना को एक महिला सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बता दें गिरोह का सरगना मात्र 12वीं पास था। जो कई लिंग परीक्षण करने वाले सेंटर्स पर काम कर चुका था। जिसकी वजह से उसे थोड़ी बहुत मशीन ऑपरेट करना आती थी।
जानें कैसे करते थे ठगी
बता दें इस भ्रूण के लिंग परीक्षण का सरगना कपिल दिल्ली की शाहदरा का रहने वाला है। जो काफी समय से अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर काम करता था। सेंटर्स के अवैध हो जाने के कारण इसके लिए उसने सुमित्रा नाम की महिला को जरिया बनाया और उसके घर से इस काम को चुपचाप ऑपरेट करता था। इसके बदले वह हर केस पर एक मोटी रकम देता था। पकड़े जाने पर उसने पूछताछ में बताया कि उसे सिर्फ अल्ट्रासाउंड करने की जानकारी थी। जबकि लिंग परीक्षण के लिए विशेषता के तौरन पर अल्ट्रासाउंड के साथ सोनोग्राफी के माध्यम से ही यह पता लगाया जा सकता है। जो कि एक जटिल प्रक्रिया होती है। लेकिन यह उसे नहीं आती थी। तो वह जाल में फंसे ग्राहक का सिर्फ अल्ट्रासाउंड करता था और गर्भ में लड़की होने की ही जानकारी देता था। जिससे कि ग्राहक भी इसके बाद सिर्फ डर के कारण वह गर्भपात कराता था और रिपोर्ट गलत साबित होने का खतरा भी नहीं होता था। इस काम मे हर ग्राहक से 25 हजार रुपए वसूलते थे। इस काम मे देवेंद्र नाम का शख्स भी साथ देता था।
इसे भी पढ़ेंः General Election 2024: 12 जून को CM Nitish करेंगे विपक्ष का पटना में ऐतिहासिक जुटान, इन मुद्दों को लेकर बनेगी खास रणनीति
इस तरह हुआ भंडाफोड़
बता दें उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को हरियाणा की एक टीम ने गुप्त सूचना दी । जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम स्वंय ग्राहक बनकर महिला कर्मचारी को उसके पास सौदा तय करने भेजा था। जैसे ही बात तय हुई महिला कर्मचारी ने हाथ से इशारा कर दिया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से कपिल,देवेन्द्र और महिला साथी सुमित्रा को दबोच लिया।
अत्याधुनिक मशीन का करते थे उपयोग
कपिल और उसके गिरफ्तार गिरोह से बरामद मशीन को देखकर तो स्वास्थ्य विभाग के भी होश उड़ गए। उक्त मशीन इतनी छोटी और अत्याधुनिक है कि वो भारत मे तो उपलब्ध ही नहीं है। पूछताछ में उसने बताया कि पहली बार मे ही वह इतनी छोटी इस मशीन को देखकर चोंक गया था । जिसके बाद यह मशीन उसने विजय नामक युवक से डेढ़ लाख में खरीदी थी। जिसे वह विदेश से लेकर आया था। इसे ऑपरेटर करना इतना आसान था कि वाईफ़ाई से जोड़ कर अल्ट्रासाउंड कर लेते थे । और मोनिटर के लिए टैबलेट को जोड़ लेते थे। गाजियाबाद के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ चरण सिंह ने बताया कि अब तक की जब्त की हुई सबसे हाईटेक मशीन है।
इसे भी पढ़ेंः Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में आज मुजफ्फरनगर में होगी महापंचायत’, तय की जाएगी आगे की रणनीति
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।