Gyanvapi Survey: विवादों से घिरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर बुधवार यानी 3 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी थी। ऐसे में अब शुक्रवार से मस्जिद परिसर में सर्वे की शुरुआत हो गई है। एएसआई की टीम इस सर्वे से ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि, क्या सच में 17वीं शताब्दी में ज्ञानवापी का मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया था। गुरुवार को हिंदू समेत मुस्लिम पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस फैसले को लिया है।
हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को किया खारिज
दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में इस सर्वे को पहले ही हरी झंडी मिल गई थी लेकिन जिस दिन सर्वे का काम शुरू होना था उस दिन मुस्लिम पक्ष में इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसे में कोर्ट में इस सर्वे पर रोक लगा दी और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। इसके बाद जब 27 जुलाई को मुस्लिम पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाकर अपनी दलीलें पेश करी तो उस दौरान हाईकोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 3 अगस्त को फैसला सुनाया। इसी कड़ी में आपको बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए मंदिर परिसर में एएसआई किस सर्वे को हरी झंडी दिखा दी है परन्तु मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
ज्ञानवापी परिसर में बढ़ाई सुरक्षा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मस्जिद परिसर में एएसआई के सर्वे को हरी झंडी देने के बाद 4 अगस्त से सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। सर्वे के लिए एएसआई की 51 सदस्य की टीम मस्जिद परिसर में पहुंचकर काम कर रही है। इसी के साथ आपको यह भी बता दे कि, इस सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के अलावा सभी संबंधित पक्ष भी मौजूद है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान बैरीगेड लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है। इसी के साथ इस दौरान 2 आईपीएस, चार एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के साथ 200 पुलिसकर्मी मौजूद है।
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