Hardeep Singh Nijjar: केंद्रिय सरकार ने उस मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि विदेश मंत्रालय ने उत्तरी अमेरिका में भारतीय दूतावासों को एक ‘गुप्त ज्ञापन’ भेजा था। जिसमें उनसे हरदीप सिंह निज्जर सहित खालिस्तानी आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।
‘अमेरिका की रिपोर्ट पूरी तरह से है मनगढ़ंत’
जानकारी के लिए बता दें कि एक बयान में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रिपोर्ट को “फर्जी” और “पूरी तरह से मनगढ़ंत” कहा और “पाकिस्तानी खुफिया द्वारा फैलाए गए फर्जी आख्यानों को प्रचारित करने” के लिए मीडिया आउटलेट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा थी।
आगे उन्होंने कहा कि हम दृढ़ता से दावा करते हैं कि ऐसी रिपोर्टें फर्जी और पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। ऐसा कोई ज्ञापन नहीं है। यह भारत के खिलाफ निरंतर दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है। विचाराधीन आउटलेट पाकिस्तानी खुफिया द्वारा फैलाए गए फर्जी आख्यानों के प्रचार के लिए जाना जाता है।
कनाडा के PM ने भारत सरकार के एजेंटों पर लगाया था आरोप
आगे उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसी फर्जी खबरों को बढ़ावा देते हैं वे केवल अपनी विश्वसनीयता की कीमत पर ऐसा करते हैं। अमेरिका स्थित एक प्रकाशन की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के सरे में मारे जाने से दो महीने पहले, अप्रैल में विदेश मंत्रालय द्वारा कथित तौर पर एक ज्ञापन भेजा गया था। जिसमें उत्तरी अमेरिका में दूतावासों को निज्जर के खिलाफ ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि कथित मेमो में कई खालिस्तानी आतंकवादियों को सूचीबद्ध किया गया था। जिनकी भारत की खुफिया एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही थी। निज्जर की हत्या से सितंबर में भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद शुरू हो गया। जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि “भारत सरकार के एजेंट” खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या से जुड़े थे।
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