G-7 in Japan: जापान के हिरोशिमा में संपन्न हुई G-7 मीटिंग में सदस्य देशों ने रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए उस पर प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया। इस बार इन प्रतिबंधों में रूसी हीरों के आयात पर भी बैन लगाने की घोषणा भी शामिल है। G-7 के इस एलान ने परोक्ष रूप से भारत को बड़ा झटका दे दिया है। इससे भारत के हीरा उद्योग पर भी बुरा असर पड़ने वाला है। इन नए प्रतिबन्धों के चलते भारत को हीरों की आपूर्ति के अलावा इस क्षेत्र में काम कर रहे लगभग 10 लाख कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। बता दें दुनिया के 90 फीसदी हीरों की कटिंग और उनकी पॉलिशिंग का काम भारत मे होता है।
भारत में 10 लाख कर्मचारियों की रोजी रोटी का संकट
बता दें भारत पूरी दुनिया में निर्यात किए जाने वाले हीरों की पॉलिशिंग और कटिंग का 90 फीसदी काम करता है। जिससे भारतीय हीरा उद्योग में लाखों लोग रोजगार से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही रूस की अलरोसा दुनिया का 30 फीसदी हीरा अकेले निर्यात करती है। जिसमें भारतीय हीरा व्यापारी रूसी हीरा माइनिंग कंपनी अलरोसा से बड़ी मात्रा में आयात करते हैं। G-7 देशों द्वारा और कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद भारत के जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष विपुल शाह के मुताबिक फिलहाल तो हीरे की मांग कम है। लेकिन रूस पर ऐसे ही प्रतिबंध जारी रहे तो लगभग 10 लाख लोगों पर रोजगार का संकट आ सकता है।
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इन प्रतिबन्धों का है ये मकसद
हिरोशिमा में हुई G-7 बैठक ने रूस पर आर्थिक प्रतिबन्धों को लगाने के बाद बयान जारी कर कहा कि सदस्य देश इन प्रतिबन्धों के जरिए रूस को हीरा निर्यात से मिलने वाले टैक्स को निशाना बनाना चाहते हैं। हम रूस के माइनिंग तथा उत्पादित हीरा व्यापार और उपयोग को प्रतिबंधित करने का मिलकर काम जारी रखेंगे।
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