Subrat Pathak: यूपी के कन्नौज से बड़ा मामला सामने आया है। अपहरण के मामले में पकड़े गए 5 युवकों को छुड़ाए जाने को लेकर स्थानीय भाजपा सांसद सुब्रत पाठक और उनके समर्थकों के खिलाफ चौकी में घुसकर पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर घायल करने का मामला दर्ज हुआ है। घायल चौकी एएसआई हाकिम सिंह के मुताबिक बीजेपी सांसद पाठक सहित 10 नामजद तथा 42 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
जानें क्या है पूरी घटना
यूपी के उन्नाव जिले के थाना औरास से एक मोबाइल दुकानदार को त्रिवेदी मार्केट से 4 लोगों ने अपहरण कर लिया। दुकानदार के भाई की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपियों को कन्नौज की टाइगर जिम से 5 युवकों को गिरफ्तार भी कर लिया। साथ ही साथ अपहृत दुकानदार को बरामद कर साथ उन्नाव ले जाने की तैयारी में थी। तभी मंडी समिति चौकी प्रभारी हाकिम सिंह के मुताबिक उनको उन्नाव पुलिस की मदद करने की सूचना वायरलेस पर मिली। सूचना मिलते ही प्रभारी मौके पर उपनिरीक्षक सुभाष के साथ पहुंच गए। जहां औरास पुलिस ने 5 आरोपियों को पकड़ रखा था। इसके साथ ही सरायमीरा चौकी इंचार्ज तरूण सिंह भी कांस्टेबल लवी के साथ पहुंच गए। इसके बाद अभी आरोपियों को मंडी समिति चौकी पर ले आए। इसके बाद आरोपों को छुड़ाने के लिए भाजपा सांसद अपने समर्थकों के साथ चौकी पहुंच गए। उन्होंने चौकी में घुसकर पुलिस कर्मियों संग मारपीट कर दी।
सांसद और समर्थकों पर हुई एफआईआर
इसके बाद मंडी चौकी प्रभारी की तरफ से कोतवाली कन्नौज में सांसद सुब्रत पाठक और उनके 6 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 147,148, 332, 353, 504, 506, 427, 225 तथा अपराध कानून संशोधन अधिनियम 1932 की धारा 7 के केस दर्ज कर दिया गया।
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अखिलेश यादव ने साधा निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज की घटना पर ट्वीट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि ” आज की ताजा खबर: …पुलिसवालों ने की कन्नौज के भाजपा सांसद सुब्रत पाठक के ऊपर एफआईआर…. जनता पूछ रही कब होंगे गिरफ्तार?…इन भाजपाइयों से बचने के लिए पुलिस क्या बुलडोजर के पीछे छुपकर अपनी जान बचाए।
सांसद का अखिलेश पर पलटवार
सपा प्रमुख के ट्वीट पर पलटवार करते हुए सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘अखिलेश यादव अपने समय को याद करें कि किस तरह से गुंडागर्दी कराते थे। साथ ही गुंडों का समर्थन करते थे। मुख्तार अंसारी तथा अतीक अहमद से बड़ा कोई उदाहरण हो ही नहीं सकता। इसलिए अखिलेश यादव इस पर न ही बोलें तो अच्छा है।
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