Lok Sabha Election 2024: देश के पांच राज्यों में नवंबर 2023 में विधानसभा के चुनाव संपन्न हुए। इस चुनाव में तमाम चुनौतियों व विपरीत परिस्थितियों को पार करते हुए बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में बहुमत का आंकड़ा पार किया है। भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपने एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है। दावा किया जा रहा है कि उपरोक्त तीनों राज्यों में सीएम भी सामाजिक समीकरण को साधकर ही बनाए गए हैं जिससे की 2024 की राह आसान हो सके। ऐसे में आइए हम आपको भाजपा के इस मास्टर स्ट्रोक का सटीक विश्लेषण देने की कोशिश करते हैं।
BJP ने साधा सामाजिक समीकरण
भाजपा हाईकमान ने सबसे पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में सबको चौंकाते हुए नए चेहरों को राज्य की कमान सौंपी है। इसके तहत मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव को सीएम तो जगदीश देवड़ा (दलित) और राजेंद्र शुक्ला (सामान्य वर्ग) को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ में भाजपा ने सामाजिक समीकरण साधते हुए राज्य की बाहुल्य आबादी वाले आदिवासी समाज को प्रतिनिधित्व सौंपा है। इसके तहत आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को सीएम तो वहीं अरुण साव (ओबीसी) और विजय शर्मा (सामान्य वर्ग) को उपमुख्यमंत्री के तौर पर मनोनीत किया गया है।
राजस्थान में भी भाजपा ने सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए सामान्य वर्ग से आने वाले भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं सियासी समीकरण को देखते हुए दिया कुमारी (सामान्य वर्ग-महिला) और प्रेम चंद बैरवा (दलित नेता) को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
BJP का मास्टर स्ट्रोक
मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ये स्पष्ट हो चुका था कि भाजपा इस बार व्यापक तौर पर बदलाव करने की तैयारी में है। कहा जा रहा था भाजपा इस बार उसे मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी जिसने 2023 जिताया है बल्कि पार्टी उन चेहरों की तलाश में है जिनके अंदर 2024 लोकसभा जीताने की क्षमता हो। इसी तर्ज पर बीजेपी ने छत्तीसगढ़ से रमन सिंह, एमपी से शिवराज सिंह चौहान व राजस्थान से वसुंधरा राजे को हटाकर नए नेताओं को सूबे की कमान सौंपी है। दावा किया जा रहा है कि ये लोक सभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर पार्टी का ये सामाजिक समीकरण साधने वाला मास्टर स्ट्रोक 2024 के लिए कितना सफल साबित होता है।
BJP ने जनता को दिया अहम संदेश
भाजपा की ओर से तीनों राज्यों में साधे गए सामाजिक समीकरणों को जनता के लिए अहम संदेश माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी लोगों को संदेश देना चाहती है कि वो सभी वर्गों को बराबर की भागेदारी दे रही है। इसके तहत लोकसभा चुनाव से पूर्व बीजेपी ने एक आदिवासी, एक ओबीसी और सामान्य वर्ग के नेता को मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं सामान्य वर्ग (राजपूत समुदाय) से ही आने वाले दो चेहरों को विधानसभा अध्यक्ष व एक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। देश की सबसे बड़ी आबादी माने जाने वाले वर्ग ओबीसी से एक मुख्यमंत्री व एक उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। जबकि सामाजिक संतुलन बरकरार रखते हुए दलित समुदाय से आने वाले दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री भी बनाया गया है। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी इस सामाजिक समीकरण को साध कर देश की जनता को अहम संदेश देने का काम कर रही है।
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