Manish Sisodia: दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के मध्य शक्तियों और अधिकारों को लेकर चल रहा विषय सुलझा भी नहीं कि दिल्ली के शिक्षकों के विदेश में प्रशिक्षण को लेकर नया विषय सामने का गया है। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल प्रशिक्षण संबधी विषय पर नए टकराव की ओर बढ़ते दिख रहे है।
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जानें क्या है शिक्षकों का प्रशिक्षण विषय
दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के विदेश में प्रशिक्षण हेतु भेजने को लेकर एक बार पुनः टकराव की आशंका बढ़ गई है। आपको बता दें विगत कुछ वर्षों से केजरीवाल सरकार शिक्षकों को विदेश प्रशिक्षण हेतु नियमित भेज रही है इस बार भी सरकार शिक्षकों को दो समूह में 5 दिनों हेतु फिनलैंड के जेवस्काइला विश्वविद्यालय भेज रही थी। इस संबंध में उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु विदेश भेजने वाली फाइल को स्वीकृति देने से स्पष्ट मना कर दिया। जहाँ मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक बार पुनः उपराज्यपाल से आग्रह किया कि शिक्षण को प्रशिक्षण के लिए विदेश जाने से न रोका जाए वहीं दूसरी ओर इस आशय का आरोप लगाते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अब भी निरंतर चुनी हुई सरकार के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्य के लिए लिए जा रहे निर्णयों को पलटने का क्रम सतत रूप से जारी रखे हुए हैं।
भाजपा ने लगाया दुरूपयोग का आरोप
दिल्ली के शिक्षकों को विदेश प्रशिक्षण भेजे जाने के विषय पर भाजपा ने विरोध जताते हुए अरविन्द केजरीवाल सरकार के इस निर्णय को धन का दुरूपयोग बताया है। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार को शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में विकास शिक्षकों को विदेश प्रशिक्षण से नहीं अपितु सरकारी विद्यालयों में अधिक से अधिक विज्ञान तथा वाणिज्य विषय पढ़ाने से होगा।
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