Ministry of external affairs: पाकिस्तान में ‘अज्ञात बंदूकधारियों’ ने आतंकवादियों की हत्या की, जिसपर विदेश मंत्रालय ने कहा कि जो लोग भारतीय अधिकारियों द्वारा वांछित हैं, उन्हें यहां आना चाहिए और “कानूनी व्यवस्था का सामना करना चाहिए”।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिया बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे कहा कि जो लोग भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के लिए न्याय का सामना करना चाहते हैं, हम चाहेंगे कि वे भारत आएं और हमारी कानूनी प्रणाली का सामना करें। लेकिन मैं पाकिस्तान में हो रहे विकास पर टिप्पणी नहीं कर सकता।”
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हंजला अदनान, जिसने 2015 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था वो पूरे हमले का मास्टरमाइंड था, जिसे हाल ही में पाकिस्तान के कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने मौत के घाट उतार दिया है।
‘ऐसी धमकियां देने वाले चरमपंथियों को बढ़ावा नहीं देना’
जानकारी के लिए बता दें कि हंजला अदनान को 2 और 3 दिसंबर के दौरान रात को उसके घर के बाहर गोली मार दी गई थी। इसके साथ ही 13 दिसंबर या उससे पहले संसद पर हमले की खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की धमकी के बारें में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा खतरों को गंभीरता से लेता है।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे “ऐसी धमकियाँ देने वाले चरमपंथियों को बढ़ावा देना या उन्हें श्रेय देना” नहीं चाहते थे। “हम धमकियों को गंभीरता से लेते हैं। हम यहां एक बंधन में फंस गए हैं। ऐसे में चरमपंथियों को बढ़ावा देना या उन्हें अधिक महत्व नहीं देना चाहते। जो धमकियां देते हैं, हमने इस मामले को अमेरिकी और कनाडाई अधिकारियों के साथ उठाया है।
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