Mukhtar Ansari: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का कल शाम दिल का दौरा पडने से उनकी मौत हो गई। आपको बता दें कि आनन फानन में उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी बांदा के जेल में बंद था। वहीं ऐतिहातन यूपी के कई जिलों में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। गौरतलब है कि मु्ख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को परोसे गए भोजन में जहर दिया गया था। अब इस मौत पर यूपी के पूर्व डीजीपी, डीएसपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने मौत पर उठाए सवाल
यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि “यह गंभीर मामला है। जांच होगी और कोर्ट को रिपोर्ट दी जाएगी। पहले भी वरिष्ठ वकील ने अदालत को Mukhtar Ansari के स्वास्थ्य के बारे में अवगत कराया और कहा कि उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। उसके बाद, उन्हें सभी उचित चिकित्सा उपचार प्रदान किए गए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मृत्यु हो गई।”
यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने क्या कहा?
बता दें कि मुख्तार अंसारी की मौत पर एनआई से बात करते हुए यूपी के पूर्व के डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा कि ज्यादातर माफिया (गैंगस्टर) सलाखों के पीछे थे और मैं दो माफियाओं को नहीं पकड़ सका। एक मुख्तार अंसारी थे, जो अंडर ग्राउंड हो गए और उनका पता किसी को नहीं था। योगी आदित्यानाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्तार अंसारी पर पुराने मामलों में मुकदमा चलाया गया।
मुख्तार अंसारी का साम्राज्य अपने चरम पर था
पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने भी एनआई से बातचीत में बताया कि “20 साल पहले मुख्तार अंसारी का साम्राज्य चरम पर था। वह उन इलाकों में खुली जीपों में घूमते थे जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। मैंने उन पर पोटा भी लगाया। लेकिन मुलायम सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी। उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डाला, आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया, यहां तक कि मुझे 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया”।