Tahawwur Rana: 26/11 (Mumbai Terror Attack) हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अमेरिकी कोर्ट ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को खारिज कर दिया है।
कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जहां वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में अपनी कथित संलिप्तता के लिए मुकदमे का सामना कर रहा है।
कोर्ट ने खारिज की राणा की याचिका
कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज डेल एस फिशर ने 2 अगस्त को अपने आदेश में लिखा, “अदालत ने एक अलग आदेश द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट के लिए तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया है।”
हालांकि, राणा ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की है और नौवें सर्किट कोर्ट में उसकी अपील की सुनवाई होने तक भारत में अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की है।
राणा ने जून में दायर की थी रिट
इस साल जून में राणा ने अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए “बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट” दायर की थी। राणा ने यह याचिका अमेरिकी सरकार द्वारा भारत सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने के बाद दायर की थी। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपियों को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की मांग को स्वीकार कर लिया था।
कोर्ट में राणा ने दी ये दलीलें
जज फिशर ने अपने आदेश में कहा कि राणा ने रिट में केवल दो बुनियादी दलीलें दी हैं। सबसे पहले, उनका दावा है कि संधि के अनुसार, उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। क्योंकि भारत उन पर उन्हीं कार्यों के लिए मुकदमा चलाने की योजना बना रहा है, जिनके लिए उन पर आरोप लगाया गया था और संयुक्त राज्य अमेरिका की अदालत में उन्हें बरी कर दिया गया था।
दूसरा, उनका तर्क है कि सरकार ने यह स्थापित नहीं किया है कि यह मानने का संभावित कारण है कि राणा ने भारतीय अपराध किए हैं, जिसके लिए उस पर मुकदमा चलने की उम्मीद है। कोर्ट ने राणा की इन दोनों दलीलों को खारिज कर दिया है।
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