New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को करने जा रहे हैं। संसद का यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक होगा और पीएम मोदी के उन 5 संकल्पों में से एक गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जिसको लाल किले की प्राचीर से उन्होंने व्यक्त किया था। भारत की नई संसद को बनाने में करीब 971 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीकी का प्रयोग कर वास्तु के प्रतीक भारत के प्राचीन मंदिर को आधार बना इसको डिजाइन किया गया है।
विजय मंदिर से प्रेरित है डिजाइन
बता दें भारत के नए संसद भवन का डिजाइन भी मध्यप्रदेश के विजय मंदिर से मिलता-जुलता बताया जा रहा है। ये मंदिर भी एमपी के विदिशा में स्थित है। दावा किया जा रहा है कि संसद भवन की डिजाइन हूबहू विजय मंदिर से मिलती जुलती है। जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
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चालुक्यवंशी राजा ने कराया था निर्माण
विदिशा के इस विजय मंदिर का निर्माण परमार काल के शासक राजा कृष्ण के प्रधानमंत्री चलुक्यवंशी वाचस्पति ने 11 वीं सदी में कराया था। डेढ़ सौ गज ऊंचे भव्य मंदिर को मुगल आक्रांता औरंगजेब ने 17वीं शताब्दी में तोपों से उड़ाकर बर्बाद कर दिया था। उसके अवशेषों को दफनाकर उस पर मस्जिद बना दी थी। 1934 में एक खुदाई में मंदिर मिलने पर पुरातत्व विभाग ने पूरी तरह अपने हाथों में ले लिया।
पुराना संसद भवन भी एमपी के मंदिर से ही प्रेरित
बता दें पुराना संसद भवन भी एमपी के ही मुरैना स्थित चोंसठ योगिनी मंदिर से प्रेरित था। इसका गोलाकार आकर काफी भव्य तथा विशाल था। इसे ब्रिटिश आर्केटेक्ट एडविन लुटियंस तथा हेवर्ट बेकर ने डिजाइन के रूप में चुना था
नया सदन है कुछ खास
भारत का नया संसद भवन अत्याधुनिक तकनीक से लैस विशेष सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है। सुरक्षित इतना कि शक्तिशाली भूकंप भी कुछ न बिगाड़ सके। इस सदन में सांसदों के बैठने की हर सीट की आरामदायक व्यवस्था की गई है। हर सीट पर मल्टीमीडिया डिस्प्ले के साथ वोटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके तीन मुख्य द्वार होंगे। जो क्रमशः ज्ञान,शक्ति तथा कर्म द्वार के नाम से जाने जाएंगे। सांसदों, विजिटरों और वीवीआईपी की विशेष एंट्री होगी। नया संसद भवन पुराने संसद भवन से 17 हजार वर्ग मीटर अधिक बढ़ा है।
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