आज गणेश चतुर्थी के त्यौहार की शुरुआत हो रही है, तो वहीं आज के दिन से ही सभी सांसद नए संसद भवन में अपना काम का शुरू करेंगे, कल यानी 18 सितंबर को पुराने संसद में सभी सांसदों का आखिरी दिन रहा, कल सभी ने विशेष सत्र में अपने पुराने भवन से विदाई ली।
नए सदन में 6 एंट्री और एग्जिट गेट
नए संसद भवन के बारें में हर किसी के मन में कई तरह के सवाल है, कि आखिरकार यह नया संसद भवन कैसा है ? किस रूप से बनाया गया है ? इसमें कितने एंट्री गेट है और क्या उनके महत्व है ? मिली जानकारी के अनुसार नए संसद भवन में एंट्री और एग्जिट के 6 गेट बनाए गए हैं। जोकि 140 करोड़ भारतीय वासियों के प्रतिनिधित्व करने वाले संसद के अलग-अलग पहलुओं का प्रतीक है।
ये हैं सदन के मुख्य द्वार
जानकारी के लिए बता दें कि नए संसद भवन में पहले तीन गेट का नाम अश्व, गज और गरुड़ रखा गया है। यह तीनों ही ऑफिशियल द्वारा होंगे यानी कि यहां से औपचारिक तौर पर एंट्री की जाएगी। इन द्वार का नाम शक्ति, ज्ञान और कर्म भी है। इन गेट का इस्तेमाल उपराष्ट्रपति स्पीकर और प्रधानमंत्री की आवाजाही के लिए किया जाएगा। वहीं मकर, शार्दुल गेट और हंस गेट का इस्तेमाल सांसदों और पब्लिक के लिए किया जाएगा।
आध्यात्मिक और पौराणिक के रूप में है प्रतिमाओं का महत्व
नई संसद भवन में जितने भी जानवरों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं। उनका आध्यात्मिक और पौराणिक रूप से काफी ज्यादा महत्व है, शास्त्रों में यह हमारी संस्कृति और ज्ञान के प्रतीक हैं। यह हमें प्रेरणा देते हैं, कि इंसान को या फिर समय को कभी रुकना नहीं चाहिए। हमेशा चलते रहना चाहिए, साथ ही यह सुख शांति और समृद्धि का भी प्रतीक हैं। इन सारे शुभ जानवरों की प्रतिमाओं को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है जोकि भारतीय संस्कृति में उनके महत्व उनके सौंदर्य और सकारात्मक, गुण और वास्तु शास्त्र के अध्ययन के बारें में बताती हैं।
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