SCO: बुधवार को SCO देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) की बैठक शुरू होने जा रही है। शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता भारत के पास है ऐसे में आज एनएसए अजीत डोभाल का संबोधन होगा, उसके बाद चर्चा का दौर शुरू हो जाएगा। चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि वर्चुअल तरीके से बैठक में हिस्सा लेंगे लेकिन बैठक में दूसरे सदस्य देशों के एनएसए भी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में पाकिस्तान के समक्ष भारत एक बार फेस सीमा पर आतंकवाद का मुद्दा उठा सकता है।
पाकिस्तान की रणनीति को कर सकते है उजागर
अक्सर भारत के एनएसए अजीत डोभाल एसीओ के मंच पर सीमा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तान की रणनीति को उजागर करते रहे हैं। 2021 में उन्होंने SCO की बैठक में पाकिस्तान की शहर पर पलने वाले आतंकी संगठनों को लेकर तैयबा और जैश ए मोहम्मद के खिलाफ एससीओ की तरफ से संयुक्त कार्य योजना बनाने का प्रस्ताव किया था। बता दें कि, इस बैठक में पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठेगा।
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अफगानिस्तान का मुद्दा भी अहम
रूस की तरफ से मिली अधिकारिक जानकारी के अनुसार, रूस के सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पातृशेव हिस्सा लेंगे। चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियों से भारत और रूस के रिश्ते पर इसका असर पड़ सकता है। SCO. की यह बैठक भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भारत आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के एजेंडे पर विमर्श करेगा। इसी के साथ अफगानिस्तान का मुद्दा भी भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि पिछले कुछ सालों से अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के साथ पाकिस्तान के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए उसका क्या रुख होता है।
SCO में कौन-कौन?
SCO में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा चार ऑब्जर्वर देश- अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं। छह डायलॉग पार्टनर- आर्मीनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की हैं।
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