Parliament Attack: 13 दिसंबर 2001 की तारीख भारतीय संसद के लिए बेहद खौफनाक रही थी। इसी तरीख को शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान सदन पर आतंकियों द्वारा हमला बोला गया था। बीते कल सदन पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी और इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि सभी अवाक रह गए। दरअसल सदन की कार्यवाही के दौरान ही दर्शक दीर्घा मे बैठे दो युवक संसद सदस्यों के बीच कूद पड़े व केमिकल युक्त पदार्थ निकाल कर पीला धुंआ दिखाने लगे। इसे सदन की सुरक्षा में बड़ा चूक करार दिया गया और पकड़ में आए सभी आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालाकि इस मामले में अब प्रशासनिक सोर्स की ओर से बड़ा दावा किया गया है। प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि इस षडयंत्र में पकड़े गए पांच आरोपियों से अतिरिक्त छठा व्यक्ति भी मुख्य साजिशकर्ता के रुप में शामिल हो सकता है।
संसद की सुरक्षा में सेंध का साजिशकर्ता कोई और?
भारतीय ससमाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से दी गई खबर के मुताबिक प्रशासन ने सदन में हुए इस आपराधिक कृत्य के लिए किसी अन्य को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। प्रशासन का कहना है कि सदन पर हमला करने के मामले में पकड़े गए सभी आरोपी सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े हैं। सभी आरोपियों की मुलाकात आज से करीब डेढ़ साल पहले मैसूर में हुई थी। आरोपियों में प्रमुख रुप से सागर शर्मा, डी. मनोरंजन, नीलम, अमोल शिंदे, ललित और विशाल शर्मा के नाम शामिल हैं। इनमें से पांच आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है जबकि छठा आरोपी ललित फिलहाल फरार है जिसकी तलाश जारी है।
जांच समिति का गठन
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है। इस जांच समिति में सुरक्षा एजेंसी के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हैं। गृह मंत्रालय की ओर से जानाकरी दी गई है कि लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में जांच के लिए अनुरोध किया था जिसके बाद से जांच समिति का गठन किया गया है। प्रशासन का कहना है कि जल्द से जल्द मामले की जांच कर सभी प्रमुख साजिशकर्ता को हिरासत में लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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