PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत की सत्ता संभाले 9 साल पूरे हो गए हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विजय पाई थी। इसके साथ पीएम मोदी ने भी पहली बार देश की संसद में चुने जाने के बाद सीधे प्रधानमंत्री पद संभाला था। तो लोकसभा 2019 में भी मोदी लहर में बीजेपी ने अपने ही जीत के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 303 सीटों पर पार्टी का झंडा गाड़ दिया था। तो आइए जानते हैं पीएम मोदी के इन 9 सालों के कार्यकाल में देश की शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानी, अर्थव्यवस्था, मंहगाई तथा बेरोजगारी मे कितना बदलाव आया है…
शिक्षा की स्थिति
किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा व्यवस्था के मूल में होता है। जिससे उस देश के मानव संसाधन का बौद्धिक उपयोग होता है। मोदी सरकार में शिक्षा में देखा जाए तो बजट में 30 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है लेकिन 9 सालों में जनसंख्या की बृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ा। जहां उच्च शिक्षा के लिए यूनिवर्सिटीज की संख्या बढ़ी है, तो प्राथमिक शिक्षा के मामले में अब भी कमजोर है।
स्वास्थ्य की स्थिति
मोदी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व बृद्धि हुई है। पिछले 9 सालों में करीब 140 फीसदी बजट बढ़ा है तो इस साल ही 89 हजार करोड़ आवंटित किया गया है। इसके साथ ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को जिस कुशलता से इस सरकार ने निबटा है। वो अभूतपूर्व है। चाहे कोरोना काल मे स्वास्थ्य सेवाओं का इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर स्वदेशी कोविड वैक्सीन को आत्मनिर्भरता से विकसित करना हो। उसके डिजिटल टीकाकरण ने तो दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ ही देश मे मेडिकल कॉलेजों की संख्या में क्रांतिकारी बढ़ोतरी हुई है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति
पीएम मोदी ने जब 2014 में सत्ता संभाली थी। भारत की अर्थव्यवस्था 112 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी और दुनिया की टॉप 10 में भी नहीं थी। आज 9 सालों के कार्यकाल में यह लगभग 250 फीसदी बढ़कर 272 लाख करोड़ रुपये की हो चुकी है। आज भारत विश्व की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जबकि 2025 तक 5 ट्रिलियन बनाने की लक्ष्य की ओर चल रहा है। सत्ता संभालते वक्त 2014 में जहां विदेशी मुद्रा भंडार 304 अरब डॉलर था। तो कोविड काल से पूर्व एक समय 644 अरब डॉलर को पार कर गया था। अब भी 613 अरब डॉलर पर है।
रोजगार की स्थिति
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के मुताबिक आबादी के अनुपात में रोजगार घटा है। सत्ता संभालते वक्त जहां 43 करोड़ लोगों के पास रोजगार था, तो आज 9 सालों बाद लोगों की संख्या 41 करोड़ हैं। इस हिसाब से घटा है।
किसानी की स्थिति
मोदी सरकार के वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। जिसके आंकड़े अभी नहीं आये हैं। लोकसभा द्वारा पिछले साल बनाई एग्रीकल्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-19 में 10248 रुपये प्रति माह थी।
मंहगाई की स्थिति
2014 के मुकाबले यदि मूलभूत आवश्यकताओं को देखें तो मंहगाई बढ़ी है।सत्ता संभालते समय गैस सिलेंडर सबसिडी के साथ 414 रुपए था तो आज 1125 रुपये कीमत है। तो आटा 52 फीसदी, दूध 56 फीसदी तो चावल 43 फीसदी मंहगे हो गए हैं।
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