Monday, December 23, 2024
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G-7 में भाग लेने PM Modi जापान पहुंचे,चीन-पाक को लेकर दिया कड़ा बयान

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PM Modi: पीएम नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार 19 मई 2023 को एयर इंडिया वन से जापान के हिरोशिमा शहर में होने वाली G-7 समिट में शामिल होने पहुंच गए। जापान पहुंचते ही उन्होंने चीन और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भारत का रुख साफ कर दिया। चीन के तनावपूर्ण संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि सबंंध सामान्य होने पर क्षेत्र को ही नहीं दुनिया को फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने साफ संदेश देते हुए कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हो चुका है। इस दौरान पीएम मोदी समूह-7 के देशों की बैठक के साथ-साथ सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। भारत के परिपेक्ष्य में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में होने जा रही इस महत्वपूर्ण बैठक का रणनीतिक महत्व बढ़ गया है। चीन की क्षेत्रीय दादागीरी से परेशान ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर बाकी तीन क्वाड सदस्य इस दौरान मौजूद रहेंगे। जिसके साथ भारतीय पीएम इंडो-पैसिफिक की एक अहम महाशक्ति होने का संदेश भी जापान,अमेरिका के साथ हिरोशिमा से देंगे। इस यात्रा में जापान के साथ ही उनकी पापुआ न्यू गिनी तथा क्वाड बैठक के लिए ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे।

चीन-पाक को दिया संदेश

जापान पहुंचते ही पीएम मोदी ने एक जापानी मीडिया समूह से बात करते हुए कहा कि भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ संबंधों को सामान्य चाहता है। लेकिन यह उन देशों की जिम्मेदारी है कि वे दुश्मनी और आतंकवाद से मुक्त माहौल तैयार करें। चीन को लेकर उन्होंने साफ कर दिया कि सीमा पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के लिए पहली प्राथमिकता है। तभी आपसी हितों के साथ एक-दूसरे का सम्मान संभव है।

जानें क्या है इस यात्रा का महत्व

बता दें पीएम मोदी अगले 4 दिनों के दौरान तीन देशों का तूफानी दौरा करेंगे। उनके इस दौरे में समूह-7 (G-7) के अलावा FIPIC तथा QUAD जैसे कई देशों के समूह हैं। जिनके साथ भारतीय हितों के अनुरूप सामंजस्य बढ़ाना है। G-7 के साथ जहां भारत की बढ़़ती आर्थिक हैसियत का एहसास कराना है, तो FIPIC के माध्यम से छोटे-छोटे प्रशांत महाद्वीपीय देशों के साथ रणनीतिक महत्व के संबध विकसित करना है। इसी यात्रा की अंतिम कड़ी में पीएम मोदी QUAD के माध्यम से चीनी दादागिरी को काबू करने का फॉर्मूला विकसित करेंगे। जानकारों का मानना है भारत इस 4 दिवसीय यात्रा के माध्यम से एक साथ दुनिया के कई देशों में अपने रसूक को स्थापित करेगा।

G-7 से देगें संदेश

पीएम मोदी इस मंच से रुस-यूक्रेन युद्ध के बीच कड़ा संदेश देंगे। वह स्पष्ट करेंगे कि भारत युद्ध की किसी भी गुटबाजी से दूर बातचीत के जरिए शांति के सार्थक प्रयास स्थापित करने में विश्वास रखता है। जिसको समूह-7 के सदस्य देश भी लोहा मानते हैं। इसके साथ ही भारत दुनिया को यह संदेश भी देगा कि NPT पर दस्तखत न करने के बाद भी भारत का न्यूक्लियर एनर्जी के उपयोग करने के क्षेत्र में बेदाग रिकॉर्ड है। जिसके कारण समूह-7 भी भारत के साथ आगे बढ़ने को मजबूर है।

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पापूआ न्यू गिनी का FIPIC बेहद अहम

G-7 के तुरंत बाद पीएम मोदी का FIPIC फोरम के लिए पापुआ न्यू गिनी जाना प्रशांत महासागरीय देशों के साथ भारत के रणनीतिक, कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना है। ताकि इन देशों में चीन के बढ़ते दखल को कम किया जा सके और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के आर्थिक हितों को सुरक्षित किया जा सके। इस फोरम में भारत को एक साथ कुक आइलैंड्स, फिजी,किरिबाती गणराज्य, मार्शल आइलैंड्स गणराज्य, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नीयू, नाउरू गणराज्य, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन द्वीप,टोंगा, तुवालु और वानआतु सहित कुल 14 देशों के साथ लोकतांत्रिक शक्ति होने के भरोसे का पुल बनाएगा। पीएम मोदी यहां एक रात बिताएंगे।

ऑस्ट्रेलिया दौरे का महत्व

बीते कुछ सालों में खासकर चीन की कोरोना काल में भूमिका के बाद ऑस्ट्रेलिया के संबंध तेजी से असामान्य हो गए। जिसके बाद से वह भारत की तरफ विकल्प के रूप में बढ़ा। जिसकी बानगी यह है कि बीते 1 साल में भारत-ऑस्ट्रेलिया के पीएम 5 बार मिल चुके हैं। वह भारत के साथ आर्थिक संबंधों के साथ रणनीतिक साझेदारियों के लिए तेजी से आगे बढ़ा है। इस यात्रा में पीएम मोदी वहां के कारोबारियों के राजनीतिक लोगों से संवाद करेंगे।

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Hemant Vatsalya
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Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

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