Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सम्मेद शिखर को टूरिज्म प्लेस बनाए जाने के बढ़ते विरोध पर झारखंड के मुख्यमंत्री से बात की है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से तीर्थ श्री सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज की मांग के संबंध में सीएम गहलोत ने विस्तार से चर्चा की। बता दें कि सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल बनाने के मामले में अब विरोध बढ़ता ही जा रहा है। अब इस मामले पर संज्ञान लेते हुए सीएम अशोक गहलोत ने सीएम हेमंत सोरेन से बात की और कहा कि यह समाज के बढ़ते दबाव का असर है।
पारसनाथ पहाड़ी के पर्यटक स्थल बनाने के फैसला पर जन समुदाय का विरोध
बता दें कि सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह में पारसनाथ पहाड़ियों पर बना सबसे बड़ा तीर्थ स्थल माना जाता है। सरकार ने पारसनाथ पहाड़ियों में धार्मिक पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए इसे पर्यटक स्थल बनाने का फैसला लिया। लेकिन जैन समुदाय ने इसका विरोध किया। सरकार की तरफ से जो पर्यटक स्थल बनाने का नोटिस जारी किया गया है उसमें सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल बनाने की बात कही गई। इस नोटिस के बाद से जैन समाज के लोग धार्मिक भावनाओं से आघात को लेकर विरोध कर रहे हैं।
सीएम गहलोत ने कही बात
सीएम गहलोत ने कहा कि “झारखंड के सीएम ने यकीन दिलाया है कि वह भी चाहते हैं कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द सकारात्मक हल निकाला जाए। अब इस बातचीत का कितना असर यहां के जनसमुदाय पर पड़ेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में लगातार जैन समुदाय इस मसले को लेकर नाराज है और आंदोलन कर रहे हैं।”
जन समुदाय ने दिखाया आक्रोश
पर्यटक स्थल बनाने के विरोध में जन समुदाय का कहना है कि “सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में मछली और मुर्गी पालन के लिए भी अनुमति दी गई है।” बता दे कि जयपुर के सांगानेर में 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठे जैन मुनि सागर महाराज ने मंगलवार को अपने प्राण त्याग दिए। जैन मुनि झारखंड सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। अब उनकी डोल यात्रा में बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग साथ थे और उन्होंने गुस्सा भी जाहिर किया।
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