Rajasthan Politics: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार आज 24 अप्रैल 2023 से 2 महीने तक पूरे राज्य में मंहगाई राहत कैंप लगाने जा रही है। जिसमें कुल 2 हजार कैंप लगाए जाएंगे। इसके लिए लोगों को कुल 10 बड़ी योजनाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके माध्यम से सरकार जनता की मूलभूत जरूरतों को कैंपों से राहत देने की बात कह रही है। जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सरकारी अधिकारियों को भी ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। लेकिन पेपर लीक मामले को लेकर पूर्व सीएम सचिन पायलट और विपक्ष अशोक गहलोत सरकार पर दोहरा हमला कर रहा है। इस मामले पर सरकार के अपने मंत्री और विधायक भी मुसीबत खड़ी किए हुए हैं।
विपक्ष के साथ अपनों का भी वार
आज से राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पूरे राज्य में मंहगाई राहत कैंप का आयोजन करने जा रही है। इस पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने साढ़े चार साल से जनता को मंहगाई से राहत दिलाने के लिए कुछ नहीं किया। अब जब विधानसभा चुनावों के 6-7 महीने शेष रह गए हैं तब इस चिलचिलाती धूप और गर्मी में जनता को राहत कैंपों लाइन लगाने का फरमान सुना दिया गया है। इस कैंप के एक दिन पहले ही अपनी ही पार्टी के पूर्व सीएम सचिन पायलट ने भी राज्य में पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए हुए बाबूलाल कटारा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम जनता से किए वादों को पूरा नहीं कर पा रहे। सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कैसे पिछले चुनाव में हमने वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार की जांच कराने का वादा किया था, लेकिन सरकार में आने के बाद भी हम उस पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। हम जनता से किए वादों के मुताबिक काम नहीं कर पा रहे हैं।
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विपक्ष ने साधा निशाना
इस कार्यक्रम पर विपक्ष पर के नेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने कई घोषणाएं बजट में बिना प्रावधान किए ही कर दीं। लेकिन जनता को ये नहीं बताया कि इनके लिए पैसा कहां से आएगा? महिलाओं को 1.33 करोड़ मोबाइल इत्यादि देने के का वादा कर दिया। महंगी बिजली देने, फ्यूल सरचार्ज लगाने के साथ ही गहलोत सरकार ने अडानी को इंडोनेशिया से 18000 रुपए प्रति मीट्रिक टन के भाव पर कोयला खरीदने का टेंडर दे दिया।
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