Friday, November 22, 2024
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इस Republic Day में कर्तव्यपथ पर बना इतिहास, पहली बार महिलाओं ने भरी उड़ान, देख रहा सारा जहान

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Republic Day 2023: देश आज अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। जिसके लिए हर साल राजपथ पर परेड निकाली जाती है। इस साल यह परेड कर्तव्यपथ से होकर गुजरी। बता दें कि आज के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह 74वां गणतंत्र दिवस कई मायनों में हर बार से ज्यादा अलग है। इस परेड में न्यू इंडिया की झलक देखने को मिल रही है। आज इस परेड में नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिला। इतना ही नहीं इस गणतंत्र दिवस पर पहली बार किसी आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी दी।

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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दी तिरंगे को सलामी

बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि आदिवासी महिला राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी दी और परेड की सलामी ली। यह एक परंपरा है कि राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और उसके बाद तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी जाती है और राष्ट्रगान गाया जाता है। जिस दौरान भारत के राष्ट्रपति तिरंगे को सलामी देते हैं।

कौन हैं राष्ट्रपति मुर्मू

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला हैं और वे झारखंड की गवर्नर रह चुकी हैं। उनका जन्म उड़ीसा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गृह जनपद से पूरी की और स्नातक की डिग्री भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से की। उन्होंने एक शिक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत उड़ीसा से भाजपा में की। उसके बाद 1997 में रायरंगपुर पंचायत के पार्षद का चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने संघर्ष करते हुए राजनीति के क्षेत्र में परचम लहराया और आज राष्ट्रपति के पद पर हैं।

इस गणतंत्र दिवस क्या है खास?

बता दें कि इस गणतंत्र दिवस पर बहुत सी चीजें पहली बार हो रही हैं जैसे पहली बार आदिवासी राष्ट्रपति ने तिरंगे को सलामी दी और परेड की सलामी ली। पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी गई। इन फील्ड गनों ने पुरानी 25 पाउंडर बंदूक की जगह ली। इस दौरान मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) और के-9 वज्र को भी प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा पहली बार मार्च करने वाले दल में तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हुए। साथ ही पहली बार BSF के ऊंट दस्ते में महिलाएं शामिल हुईं।

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