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Saumya Vishvanathan Murder: ऑफिस से घर के लिए निकली, लेकिन बीच रास्ते में हुई हत्या, जानें सौम्या हत्याकांड की पूरी कहानी

Saumya Vishvanathan Murder: पत्रकार सौम्या विश्वनाथ के हत्यारों को साकेत कोर्ट ने सुनाई सजा, जानें कैसे हुई थी पत्रकार की हत्या

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Saumya Vishwanathan Murder: दिल्ली में पत्रकार सौम्या विश्वनाथ हत्याकांड में साकेत कोर्ट में दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान कर दिया है। बता दें कि कोर्ट ने सभी चार दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनने का फैसला लिया है। क्या है पूरा मामला चलिए आपको बताते हैं।

सौम्या विश्वनाथ हत्याकांड में दोषियों को मिली सजा

जानकारी के लिए आपको बता दें कि साकेत कोर्ट ने बीते दिन यानी कि शुक्रवार को सौम्या विश्वनाथ हत्याकांड में दोषियों को सजा सुनाते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि पत्रकार सौम्या विश्वनाथ की 30 दिसंबर 2008 को हत्या कर दी गई थी। यह हत्या दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर की गई थी।

खबरों की माने तो दोषियों ने सौम्या कि उस समय हत्या की जब वह नाइट शिफ्ट करके अपने घर वापस जा रही थी। जब सौम्या के हत्या कांड में पुलिस ने जांच पड़ताल की, तो पुलिस ने अपनी चार्ज शीट में दावा किया कि सौम्या की हत्या लूटपाट के मकसद से हुई थी। बता दें कि सौम्या के हत्याकांड के चलते कोर्ट ने आदेश दिया था। जिसके बाद सभी आरोपियों को साल 2009 में मार्च के महीने में जेल में डाल दिया गया।

जानें क्या हुआ था उस रात

रिपोर्ट्स की माने तो साल 2008 में 30 दिसंबर की वो वह रात आखिरी सौम्या कि आखिरी रात थी। जाता है कि 30 दिसंबर की रात कभी सौम्या नाइट शिफ्ट करके अपने घर वापस जा रही थी। तभी कुछ बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी। सौम्या को उस समय गोली मारी गई थी। जिसके बाद वह कार में मृत पाई गई थी। यह हत्याकांड दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर हुआ था।

पत्रकार की हत्या के बाद देशभर में तहलका मच गया था पुलिस कातिलों की जांच में जुट गई थी लेकिन काफी लंबे समय तक पुलिस को किसी भी तरह की सफलता नहीं मिली थी पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार इस युवा पत्रकार के दुश्मन को किस तरह से ढूंढा जाए और ऐसी उम्र में उसका कोई ऐसा कैसा दुश्मन हो सकता है जिसने उसकी जान ले ली।

जांच काफी लंबे दिनों तक चली थी, इसके बाद एक लड़की की और हत्या कर दी गई। यह हत्या BPO में काम करने वाली एक लकड़ी की थी। जिसका नाम जिगिशा घोष था। जिसकी हत्या 8 मार्च 2009 को की गई थी।

जिगिशा की भी हत्या सौम्या की तरह ही हुई थी। वह करीब सुबह 4:00 बजे के आसपास अपने ऑफिस से घर की तरफ कैब से जा रही थी। कैब ने उसको घर के पास उतरा था। लेकिन कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। तीन दिन तक उसकी कोई खबर नहीं मिली। लेकिन 21 मार्च को जिगीशा का शव सूरजकुंड में मिला। जिसके बाद पत्रकार की हत्या का पुलिस ने पूरी तरह से खुलासा किया।

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