SC: पर्सनल हाइजीन सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसी को देखते हुए देशभर के स्कूलों में 6 से 12वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए कोर्ट ने स्कूल और सभी शिक्षण संस्थाओं ने लड़कियों को मुफ्त सेनेटरी पैड मुहैया कराने का आदेश दिया है। बता दें कि, बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 6 से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को मुक्त सेनेटरी पैड मुहैया कराने का निर्देश देने की याचिका पर सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आने वाले 4 हफ्तों में सभी राज्यों में यूनिफार्म पॉलिसी बनाने की आदेश दिए। सभी राज्य सरकारों को छात्राओं की सुरक्षा और स्वच्छता का इंतजाम करना होगा।
राज्य सरकार को दिए निर्देश
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी वाला की पीठ ने इस जनहित याचिका पर कहा कि, सभी राज्य मेंस्ट्रुअल पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को लेकर अपनी योजना बताएं। केंद्र सरकार की ओर से भारत की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वैसे तो स्वछता सेवा राज्य सूची का विषय है लेकिन 2011 की योजनाएं हमने इसके तहत अपनी योजनाओं और उनका पूरा ब्योरा दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका
एडवोकेट वीरेंद्र कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बताया गया था कि, पीरियड्स में होने वाली दिक्कतों के कारण कई लड़कियां स्कूल छोड़ देती है क्योंकि उनके परिवार के पास पैड पर खर्च करने लायक पैसे नहीं होते। कपड़ा यूज करके उन दिनों में स्कूल जाना परेशानी का कारण बनता है। याचिका में कहा गया था कि, स्कूल में भी लड़कियों के लिए पैड की सुविधा नहीं है इसे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
लड़कियों के लिए टॉयलेट की उपलब्धि
दायर की गई याचिका को सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पर्दी वाला की बेंच ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लड़कियों के लिए टॉयलेट की उपलब्धि और सेनेटरी पैड की सप्लाई को लेकर जानकारी भी मांगी है। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सैनिटरी पैड और सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन के लिए किए गए खर्च का ब्यौरा देने को भी कहा है।
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