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SCO-NSA Meet: पाक-चीन के सामने बोले अजीत डोभाल, कहा- ‘दुनिया की सुरक्षा के लिए आतंकवाद एक बड़ा खतरा’

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SCO-NSA Meet

SCO-NSA Meet: देश की राजधानी दिल्ली में आज शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) SCO के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की (SCO-NSA Meet) बैठक हुई। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (Ajit Doval) ने एनएसए स्तर की इस बैठक में आए सभी अधिकारियों का स्वागत किया।

आंतकवाद एक बड़ा गंभीर खतरा- अजित डोभाल

वहीं, इस दौरान अजित डोभाल ने आंतकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आंतकवाद एक बड़ा गंभीर खतरा है। सभी देशों को इससे निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। साथ ही काउंटर टेरिज्म प्रोटोकॉल के लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के किसी भी काम को सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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शंघाई सहयोग संगठन भी हुआ प्रभावित

अजित डोभाल ने आगे कहा कि ग्लोबल सुरक्षा के बीच हाल के सालों को देखें तो कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन चुनौतियों से शंघाई सहयोग संगठन भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि एससीओ की बैठक में सभी देश एक-दूसरे की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सीमाओं का परस्पर सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी देश आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के सभी प्रारूपों से मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।

चाबहार पोर्ट को शामिल करना चाहिए-डोभाल

उन्होंने कहा कि हम सभी के साथ सहयोग और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए तैयार हैं। ऐसे में उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर में चाबहार पोर्ट को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत शंघाई सहयोग संगठन का जून 2017 से सदस्य है, मगर इसके सदस्य देशों से हमारे संबंध काफी पुराने है।

बैठक में नहीं पहुंचे पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधि

आपको बता दें कि दिल्ली में जारी इस बैठक में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधि वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। एससीओ की मुख्य बैठक गोवा में होनी है।

इन देशों से बना है शंघाई सहयोग संगठन

आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत इस बार शंघाई सहयोग संगठन की अगुवाई कर रहा है। ये संगठन साल 2001 में अस्तित्व में आया था। इसमें आठ सदस्य देश हैं। इसमें भारत, चीन, पाकिस्तान, रूस, कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा इसमें चार देश पर्यवेक्षक हैं, इसमें अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया। इनके अलावा इस संगठन के 6 देश डॉयलॉग सदस्य हैं, इसमें नेपाल, श्रीलंका, आर्मेनिया, तुर्किए, अजरबैजान और कंबोडिया शामिल हैं।

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