Monday, November 18, 2024
Homeख़ास खबरेंगुजरात के 68 जजों के प्रोमोशन पर Supreme Court ने लगाई रोक,...

गुजरात के 68 जजों के प्रोमोशन पर Supreme Court ने लगाई रोक, Rahul Gandhi को सजा सुनाने वाले जस्टिस पर भी गिरी गाज

Date:

Related stories

Gujarat Board 12th Result 2024: GSEB ने जारी किए बोर्ड परीक्षा के परिणाम, जानें कैसे चेक करें रीजल्ट

Gujarat Board 12th Result 2024: देश के अलग-अलग हिस्सों में इन दिनों बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी हो रहे हैं।

दिल्ली के बाद अब अहमदाबाद के स्कूलों पर निशाना, हमला करने की धमकी से मचा हड़कंप; जानें डिटेल

Bomb Threat in Ahemdabad: गुजरात के सबसे प्रमुख शहरों में से एक अहमदाबाद से इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आई है।

Supreme Court  ने लिया बड़ा फैसला, कहा केस फाइलों में वादियों की जाति, धर्म पूछना करें बंद

Supreme Court: दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों की प्रचलित उस प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई हैं। जिसमें अब वादकारियों से उनकी जाति या धर्म का उल्लेख नहीं करना होगा।

Raghav Chadha: संसद सदस्‍यता निलंबन को चुनौती देने अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे आप नेता राघव, जानें क्‍या है पूरा मामला

Raghav Chadha: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सदन से अपने निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने सांसद आवास को खाली करने का आदेश देने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के 68 जजों की पदोन्नति पर रोक लगा दी है। सबसे बड़ी खास बात यह है कि इन जजों की सूची में मानहानि मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जस्टिस हरीश वर्मा का भी नाम शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में इन सभी जजों को अपने मूल पद पर भेजने को निर्देशित किया गया है। बता दें पिछले दिनों ही इन सभी 68 जजों की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था। जिसमें पदोन्नति प्रक्रिया में कम अंक पाने वाले गुजरात के दो जजों के चयन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सख्त आपत्ति जताई। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 8 मई को ही सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर चुका था।

जानें क्या है आदेश में

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह ने आदेश देते हुए कहा कि सभी ध्यान रखें कि गुजरात की भर्ती नियमों के मुताबिक पदोन्नति का क्राइटेरिया ‘मेरिट कम सीनियरिटी’ का आधार होता है। ऐसे में हम इस बात से सहमत हैं कि राज्य सरकार के द्वारा जारी किया गया आदेश सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लंघन करता है। हालांकि हम इस याचिका का निस्तारण चाहते हैं लेकिन लॉयर दुष्यंत दवे कि असहमति है कि हम याचिको को डिस्पोज करें। चूंकि राज्य सरकार ने अधिकारियों को पदोन्नत करने का जो फैसला किया है। उस सूची पर हम रोक लगाते हैं। हम आदेश जारी करते हैं कि जिन जजों को प्रमोट किया गया है उनको वापस अपने मूल पदों पर भेजा जाए।

ये भी पढेंः Adani-Hindenburg case में आज Supreme Court करेगा सुनवाई, पैनल में शामिल हैं ये खास लोग

नए सिरे से होगा चयन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब जजों की पदोन्नति की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। नए सिरे जजों का चयन किया जाएगा। तब तक इन जजों की पोस्टिंग और प्रोमोशन अमान्य माना जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नई सूची को मेरिट और सीनियरिटी के आधार पर बनाया गया तो इन 68 जजों की सूची में से करीब 40 जजों का पत्ता कट सकता है। तब फिर सबकी निगाहें इस ओर लगी हैं कि जो नई सूची तैयार की जाएगी, वो किस नियम के मुताबिक तैयार की जाएगी।

इसे भी पढ़ेंः Supreme Court Verdict on Shiv Sena: संजय राउत बोले- ‘ सरकार तो आएगी जाएगी, हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं’

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Hemant Vatsalya
Hemant Vatsalyahttp://www.dnpindiahindi.in
Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

Latest stories