Woman Reservation Bill: केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने आज नई संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने इस बिल को पेश करते समय ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता’ के मंत्र को मंत्र पढ़ते हुए महिलाओं को नमन किया है। बता दें कि अब बुधवार को इस बिल पर चर्चा होगी। वहीं सुबह नई संसद में अपने भाषण में पीएम ने भी इस बिल को लेकर कहा था कि ‘ईश्वर ने इस पवित्र काम के लिए मुझे चुना है’।
पीएम बोले ईश्वर ने इस काम के लिए मुझे चुना
बता दें सरकार ने इस बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंधन अधिनियम 2023’ रखा है और संविधान का 128 वां संशोधन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई संसद के प्रवेश के बाद अपना पहला संबोधन देते हुए महिला आरक्षण बिल पर बात की थी। उस समय प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान ने इस काम के लिए मुझे चुना है। उन्होंने इस बिल पर समर्थन मांगते हुए सांसदों से कहा कि आज से एक पावन शुरुआत हो रही है। अगर इसमें आप सब भी मेरा साथ दें यह बिल सर्वसम्मति से पास होगा। जिससे इसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
बता दें इस बिल को पेश करते समय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा है कि विपक्ष को नारी शक्ति वंधन अधिनियम पच नहीं रहा है।
नारी शक्ति वंधन रखा बिल का नाम
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इस बिल को कई बार पेश किया गया। वह महिलाओं को उनका हक देना चाहते थे मगर बहुमत न होने की वजह से यह बिल पास नहीं हो सका मगर आज हमारे पास बहुमत है इसलिए भगवान ने इस बिल को पास कराने के लिए मुझे चुना है। उन्होंने इस बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंधन अधिनियम’ रखा है। उन्होंने कहा कि मैं इस बिल के लिए नारी शक्ति को बधाई देता हूं।
19 सितंबर की तारीख इतिहास में होगी दर्ज
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने इस बिल को कल ही पास कर दिया है इसलिए आज की तारीख 19 सितंबर इतिहास में दर्ज होने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। नेतृत्व कर रही हैं। हम चाहते हैं कि हमारी माताएं- बहने ऐसे ही अपना योगदान देती रहें। बता दें कि इस विधेयक को आज सदन में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया था। जिस पर कल सदन में चर्चा होगी। इसके बाद यह बिल 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है।
इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 181 हो जाएगी। यह विधेयक लोकसभा व राज्यसभा में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण की गारंटी देता है।
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