Uttarakhand: लोगों की आस्था का प्रतीक चार धाम यात्रा 6 महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद 22 अप्रैल से शुरू की जा सकती हैं। मिली जानकारी के मुताबिक भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल सुबह 7:10 बजे खोले जाएंगे। वहीं इस साल बड़े बद्रीनाथ धाम के प्रवेश द्वार जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा धंसाव से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ पर एक बड़ा दावा भी किया है।
सीएम धामी ने किया दावा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दावा किया है कि “आगामी 2023 की चार धाम यात्रा पर जोशीमठ शहर का कोई असर नहीं पड़ेगा। बद्रीनाथ धाम की यात्रा की तैयारियां जोशीमठ की समस्या से प्रभावित नहीं होंगी। बद्रीनाथ धाम यात्रा की तैयारी प्राचीन शहर में समस्याओं से प्रभावित नहीं होगी और इस तरह बद्रीनाथ यात्रा शुरू होने में लगभग 100 दिन का समय बाकी है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी तैयारियां पूरी की जाए। इस दौरान सभी तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा।”
बाईपास रोड का काम हुआ ठप
सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि “पिछले साल रिकॉर्ड श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर आए और इस साल भी हमें श्रद्धालुओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है। चार धाम यात्रा के लिए बद्रीनाथ और जोशीमठ को छोड़कर वैकल्पिक रास्ते के लिए बाईपास रोड पर काम स्थानीय निवासियों के विरोध और विशेषज्ञों की सलाह के बाद ठप किया गया अब यह काम कब तक रहेगा जब तक जोशीमठ में चल रहे अध्ययन पर सुझाव या रिपोर्ट सामने नहीं आती।”
22 अप्रैल से शुरू होगी चार धाम यात्रा
चार धाम यात्रा को लेकर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गजेंद्र अजय का कहना है कि “जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर बद्रीनाथ यात्रा के दौरान कोई समस्या नहीं होगी। इसमें विशेषज्ञ समितियों के निष्कर्ष के आधार पर जोशीमठ में हम आवश्यक कार्य करेंगे।” बता दें कि अब 6 महीने के शीतकालीन अवकाश के बाद 22 अप्रैल 2023 को चार धाम यात्रा शुरू होगी। जिसमें बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे।
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