Manipur Violence: मणिपुर में डेढ़ महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शांति की अपीलों के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कहीं गोलीबारी तो कहीं से आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं। इसी बीच गुरुवार (29 जून) को फिर गोलीबारी की घटना पेश आई है। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद हालात और बिगड़ गए और लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। लोगों के प्रदर्शन को हिंसक होता देख पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े, जिसके बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ।
शव के साथ लोगों ने किया प्रदर्शन
दरअसल, गपोकपी जिले के हराओठेल गांव में गुरुवार सुबह सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारी के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान दो लोगों की मौत गई थी, जबकि पांच लोग घायल हुए थे। इस घटना में मारे एक शख्स के शव को इंफाल के एक चौक पर रखकर कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारी CM आवास तक जुलूस निकालने पर अड़े हुए थे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ हिंसक हो गई। जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। जब लाठी चार्ज से बात नहीं बनी तो मजबूरन सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अधिकारियों ने बताया कि घटना में मारे गए दोनों शख्स अगल-अगल समुदाय से थे। दोनों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया था।
राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर विवाद
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर पहुंचे हुए हैं। गुरुवार (29 जून) को राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर पहुंचे थे। जहां उन्होंने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। मणिपुर पहुंचते ही राहुल गांधी को एयरपोर्ट के पास रोक लिया गया था। जिसको लेकर खूब विवाद हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उन्हें आगे जाने से रोका जा रहा है। जबकि, प्रशासन का कहना था कि सड़क मार्ग से उनकी जान को खतरा हो सकता है। जिसके बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से राहत शिविरों तक पहुंचना पड़ा।
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