W. Bengal News: पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर से राज्यपाल सीवी आनंद बोस और सीएम ममता बनर्जी के बीच नियुक्तियों को लेकर ठन गई है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस के द्वारा 11 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर दोनों आमने सामने हैं। सीएम ममता ने राज्यपाल के इस कदम को गैर संविधानिक कदम करार दिया है। इसके साथ ही राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए राज्यपाल के द्वारा नियुक्त कुलपतियों को कुलपति के तौर पर वेतन और भत्ते नहीं लेने के निर्देश दे दिए गए हैं। जिसने दोनों के संघर्ष के बीच आग में घी का काम कर दिया है। शिक्षा विभाग ने दलील दी है कि उपरोक्त सभी नियुक्तियां राज्य के परामर्श के बिना की गईं हैं।
राज्य सरकार बोली-नहीं मिलेगा वेतन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने नियुक्त कुलपतियों के वेतन भत्तों को रोकने का फैसला कानूनी सलाह के बाद लिया गया है। राज्य के शिक्षामंत्री बात्य बसु के मुताबिक हमने इन नियुक्तियों पर आपत्ति दर्ज कराई थी और इसके लिए सरकार की नाराजगी भी दर्ज कराते हुए इन नियुक्तियों को अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद ही उसकी तरफ से विश्वविद्यालय के कुलसचिव को वेतन और भत्तों पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि उपरोक्त नियुक्तियों को राज्य सरकार किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगी। इसके साथ ही सरकार ने संबंधित प्राध्यापकों से भी कुलपति के पद स्वीकार न करने के अनुरोध किए हैं। जिसके बाद कुछ ने खारिज कर दिया तो अधिकांश ने इसे स्वीकार कर लिया है।
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शिक्षा विभाग ने किया अवैध
कुलसचिवों को भेजे गए निर्देशों के मुताबिक कहा गया है कि इन कुलपतियों की नियुक्ति वैध नहीं हैं। अतः वे वेतन और भत्ता जमा नहीं कर सकते। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद से इन नियुक्तियों ने टकराव का रूप धारण कर लिया है। बता दें जिन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त हो चुका था। उनकी जगह पर कुछ प्रोफेसरों की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पिछले महींने ही एक बैठक बुलाई थी।
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