Chandrayaan-3: भारत ने बुधवार (23 अगस्त) को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इससे पहले चांद के इस हिस्स में कोई नहीं पहुंच पाया था। भारत की इस कामयाबी की चर्चा हर तरफ हो रही है। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है।
चांद पर प्रज्ञान रोवर ने शुरू की खोजबीन
चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के सफल टचडाउन के बाद, प्रज्ञान रोवर ‘रैंप डाउन’ हुआ और ‘चांद पर सैर’ की, ISRO ने आज (24 अगस्त) इसकी जानकारी दी। बाहर आते ही रोवर ने खोजबीन भी शुरू कर दी है। ISRO ने रोवर के चांद पर उतरने की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं।
अब अगले 14 दिनों तक, छह पहियों वाला रोवर चंद्रमा की सतह पर मैग्नीशियम, सिलिकॉन, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन सहित कई तत्वों का अध्ययन करेगा। यह चंद्रमा के वातावरण और दिन और रात के चक्र को समझने में भी सहायता करेगा।
14 दिन बाद चंद्रयान-3 का क्या होगा ?
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 दिनों के बाद अगले 14 दिनों तक चांद पर रात होगी और चूंकि विक्रम और प्रज्ञान केवल सूर्य में ही काम कर सकते हैं, इसलिए वे वहां निष्क्रिय हो जाएंगे। हालांकि, ISRO वैज्ञानिकों ने सूरज उगने पर इन दोनों के दोबारा जीवित होने की संभावना से इनकार नहीं किया है।
14 जुलाई को लॉन्च हुआ था चंद्रयान-3
बता दें कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। चंद्रयान-3 को 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्र कक्षा में स्थापित किया गया था और आगामी हफ्तों में यह कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं से गुजरा।
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