Friday, November 22, 2024
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आखिर क्यों Chandrayaan-3 को चंद्रमा पर ही भेजा जा रहा है ? जानिए इस मिशन से जुड़े कई Interesting Facts

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Bhagwant Mann: पंजाब में आज एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला है। विधानसभा उपचुनाव के लिए संपन्न हुए मतदान के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने आज बड़ा ऐलान किया है।

Bhagwant Mann सरकार की नीतियों से निवेश को मिली रफ्तार! जानें ग्रीनफील्ड यूनिट की स्थापना से युवाओं को कैसे मिलेगा लाभ?

Bhagwant Mann: भगवंत मान सरकार की नीतियां पंजाब के युवाओं के लिए बेहद कारगिर साबित हो रही हैं। इन्हीं नीतियों के सहारे राज्य में निवेश को लगातार रफ्तार मिल रही है। ताजा जानकारी के अनुसार वर्धमान स्पेशल स्टील्स लिमिटेड ने पंजाब (Punjab) में निवेश को लेकर एक बड़ा ऐलान किया गया है।

Chandrayaan-3: इसरो 14 जुलाई को एक बार फिर chandrayaan-3 को लांच करने जा रहा है। यह मिशन भारत के लिए काफी अहम बताया जा रहा है। दरअसल 14 जुलाई को दोपहर 2:35 पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से chandrayaan-3 को लांच किया जाएगा। chandrayaan-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन है। इसको 2019 के चंद्रयान 2 मिशन का हिस्सा बताया जा रहा है। दरअसल 2019 में chandrayaan-2 मिशन के तहत लेंडर और रोवर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाए थे जिसकी वजह से यह मिशन फेल हो गया था। ऐसे में अब 14 जुलाई 2023 को एक बार फिर इसरो चंद्रयान 3 के जरिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश कर रहा है।

ऐसा करने वाला दुनिया का पहला मिशन

ऐसे में इस मिशन से पहले इसरो के अधिकारियों का कहना है कि, chandrayaan-3 अपने लांच के लगभग एक महीने बाद चंद्र कक्षा मे पहुंचेगा इसे लैंडर विक्रम और रोवर के 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने की संभावना जताई गई है। इसी के साथ ऐसा बताया जा रहा है कि, अगर सब कुछ ठीक रहा तो chandrayaan-3 चंद्रमा के दक्षिण-ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला मिशन बन जाएगा। दरअसल चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्रफल उठ गए हैं ऐसे में अगर चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करता है तो यह दुनिया का पहला मिशन बन जाएगा जो ऐसा करने में सफल रहेगा।

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chandrayaan-3 मिशन का बजट

वहीं अगर इस मिशन के बजट की बात की जाए तो, इस परियोजना को बनाने के लिए वैज्ञानिकों पर 75 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वही इसरो के अध्यक्ष ने आधिकारिक तौर पर पूरे मिशन की अंतिम लागत 615 करोड़ रुपए होने की घोषणा की है। वैज्ञानिकों ने chandrayaan-3 के निर्माण में अपना 100 प्रतिशत दिया है। इस मिशन के जरिए वैज्ञानिक पृथ्वी सहित स्वर मंडल के इतिहास को समझने की मदद कर रहे हैं। चंद्रमा सबसे निकटतम खगोलीय पिंड भी है। ऐसे में इस पर अंतरिक्ष खोज का प्रयास किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रमा पर कई मूल्यवान चीजों की खोज की जा सकती है। ऐसे में इस पर पहुंचकर इंसान एक स्त्रोत खोज सकता है। साथ ही ऐसा बताया जा रहा है कि भविष्य में चंद्रमा पर अंतरिक्ष अड्डे स्थापित किए जा सकते हैं।

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Anjali Sharma
Anjali Sharmahttps://dnpindiahindi.in
अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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