Monday, December 23, 2024
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ट्रांसजेंडर और गे कम्युनिटी नहीं कर सकती रक्तदान, जानिए क्यों है ये भेदभाव और क्या हैं सख्त नियम

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Blood Donation: कहा जाता है ‘रक्त दान – महा दान’, क्योंकि इस दान से कई और जिंदगियां बचाई जा सकती है। दुनिया भर के देशों में युवाओं को रक्त दान करने के लिए जागरूक भी किया जाता है पर क्या आप जानते है कई ऐसे लोग भी है जिन्हें रक्त दान यानी ब्लड डोनेट करने पर पाबंदी लगाई गई है। जी हां, भारत सहित दुनिया के कई देशों में ट्रांसजेंडर और गे कम्युनिटी के ब्लड डोनेशन करने पर पाबंदी है। इसके अलावा भी ब्लड डोनेट करने के लिए कुछ गाइडलाइंस है जिन्हें फॉलो करना बेहद जरूरी माना जाता है।

ट्रांसजेंडर और गे कम्युनिटी पर क्यों है ब्लड डोनेशन की पाबंदी

भारत में कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी वो ये मांग की गई थी कि ट्रांसजेंडर और गे कम्युनिटी पर लगी ब्लड डोनेशन की पाबंदी को हटाया जाए और सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में जवाब मांगा था। सरकार द्वारा कहा गया था कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सेफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन सिस्टम के तहत ये तय किया जाता है कि मरीज को हर हाल में सुरक्षित खून मिले जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सके।

विदेशों में क्या है नियम

अमेरिका जैसे देश में भी ट्रांसजेंडर और गे कम्युनिटी को ब्लड डोनेट करने की मनाही है पर कोरोना के समय इस कानून में बदलाव करते हुए कहा गया कि समलैंगिक पुरुष या महिला अगर बीते तीन महीनों में सेक्सुअली एक्टिव न रहें हो तो वो रक्तदान कर सकते है। इसी तरह ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड और कनाडा में भी समलैंगिक या ट्रांसजेंडर द्वारा ब्लड डोनेशन करने से पहले उनके सेक्सुअली एक्टिव होने की समय सीमा की जांच जरूरी है।

इनके अलावा कौन-कौन नही दे सकता खून

रक्तदान करने से पहले ये जांच लेना जरूरी है कि ब्लड डोनर स्वस्थ है या नहीं, इसके अलावा 6 महीने पहले टैटू बनवाने वाले लोग, ऐसे मरीज जो स्किन की बीमारियों से पीड़ित हो, या फिर बीते एक साल के भीतर जिन्होंने कुत्ते के काटने पर रेबीज का इंजेक्शन लगवाया हो, इन सभी परिस्थितियों में डोनर से रक्तदान नहीं लिया जा सकता।

Anjali Wala
Anjali Walahttp://www.dnpindiahindi.in
अंजलि वाला पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, अंजलि DNP India वेब साइट में बतौर Sub Editor काम कर रही हैं। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है।

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