Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ख्याति प्राप्त विद्वान थे। इनकी नीतियां हर घर में प्रसिद्ध है। सभी लोग अपने जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए आचार्य की नीतियों से ज्ञान लेते हैं। आचार्य पेशे से नीतिकार, सलाहकार और अर्थशास्त्री थे। आचार्य विश्व स्तर के विद्वान थे इनकी चर्चा विदेशों के राजा महाराजा भी किया करते थे और सभी राजा आचार्य से शिक्षा प्राप्त किया करते थे फिर अपनी प्रजा पर शासन करते थे।
आचार्य अपनी नीति में महिला एवं पुरुष के स्वभाव एवं विचार पर व्याख्या अपनी नीति में किए हैं। आचार्य ने अपनी नीति में व्यक्ति के साथ होने वाले व्यवहार के बारे में भी बताया है। आचार्य ने तीन चीजों के बारे में व्याख्या अपनी नीति में किया है। जिसमे वृक्ष, स्त्री और मंत्री शामिल है तो आइए जानते हैं।
इस श्लोक में आचार्य ने किया है व्याख्या
नदीतीरे च ये वृक्षाः परगेहेषु कामिनी ।
मन्त्रहीनाश्च राजानः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम्
इस नीति में क्या कहना चाहते आचार्य
आचार्य चाणक्य ने इस नीति में 3 चीजों के बारे में व्याख्या किया है। आचार्य कहते हैं जो पेड़ नदी के किनारे होता है वो बहुत जल्दी नष्ट हो जाता है। वहीं जो महिलाएं दूसरों के घर में रहती हैं। वहीं दूसरों पर आश्रित होती है वो भी बहुत जल्द नष्ट हो जाती हैं। ऐसी महिलाओं का कोई भी भविष्य नहीं है। जी हां, ऐसी महिलाएं बहुत जल्द नष्ट हो जाती हैं। अंत में आचार्य ने राजा के मंत्री के विषय में उल्लेख किया है। आचार्य कहते हैं कि जिस राजा का मंत्री अच्छा नहीं होता है वो राजा ज्यादा दिन तक सफल नहीं हो पाता है। राजा तभी अधिक दिनों तक राज कर पाता है जब उसका मंत्री योग्य हो।
आचार्य चाणक्य कहते हैं नदी के पास स्थित पेड़ तुरंत नष्ट हो जाता है। कभी भी बाढ़ तूफान के कारण पेड़ गिर जाता है। वहीं जब महिलाएं दूसरों के घर में रहती है तो उसका आत्मसम्मान चूर चूर हो जाता है। ऐसी महिलाएं अधिक समय तक खुद को नहीं बचा पाती हैं। वहीं एक अच्छे और योग्य मंत्री के बिना राजा का कोई अस्तित्व नहीं है। एक राजा तभी सफल हो सकता है जब उसके पास मंत्री योग्य हो।
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