Chanakya Niti: चाणक्य नीति आज के समय में सभी के लिए मार्गदर्शक हैं। ये एक विश्व प्रसिद्ध धर्म ग्रंथ है जिसके रचनाकार आचार्य चाणक्य हैं। आचार्य पेशे से नीतिकार, सलाहकार और अर्थशास्त्री थे। इनके पास कई सारी चीजों का ज्ञान था। आचार्य से सभी राजा महाराजा शिक्षा प्राप्त किया करते थे और अपने प्रजा पर शासन करते थे।
आचार्य ने अपनी नीति में कई सारी चीजों का उल्लेख किया है। आचार्य ने महिला पुरुष के स्वभाव को भी विस्तार से बताया है। आज जिस नीति के विषय में हम चर्चा करने वाले हैं उसमें आचार्य ने उल्लेख किया है किन जगहों पर मां लक्ष्मी का वास होता है। तो आइए जानते हैं।
इस श्लोक में आचार्य ने किया है व्याख्या
मूर्खा यत्र न पूज्यन्ते धान्यं यत्र सुसञ्चितम्।
दाम्पत्ये कलहो नास्ति तत्र श्री: स्वयमागता॥
ये भी पढ़ें: ब्रेकअप या तलाक से लगता है डर तो फॉलो करें ये आसान Relationship Tips, रिश्ते में नहीं पड़ेगी दरार
इस श्लोक से क्या निकलता अर्थ
आचार्य चाणक्य इस श्लोक में बताते हैं कि किन जगहों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसमें आचार्य बताते हैं कि जहां पर मूर्खों की पूजा नहीं होती है, वहीं जहां पर अन्ना की मात्रा काफी होती है। जिस घर में पति-पत्नी के बीच किसी भी प्रकार का कलह कलेश नहीं होता है। ऐसे स्थान पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस जगह पर मूर्खों की नहीं गुणवानों का आदर सम्मान किया जाता है वहां पर मां लक्ष्मी की कृपा रहती है। इसके अलावा घर की लक्ष्मी घर की स्त्री यानी बहु बेटियां होती है। जिस घर में पति-पत्नी आदर सम्मान के साथ रहते हैं, छोटी-छोटी चीजों पर कलह कलेश नहीं करते हैं वहां पर मां लक्ष्मी स्वयं आशीर्वाद देती हैं। इसके अलावा आचार्य कहते हैं कि जहां पर अन्ना का भंडार हो, जिस जगह पर दरिद्रता न हो वहां पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। इसलिए कभी भी घर में कलह कलेश नहीं करना चाहिए।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।