International Daughter Day 2023: भारत संस्कृति और मान्यताओं वाला देश रहा है, जहां बेटियों को सम्मान की नजर से देखा जाता है. कुछ अपवादों को छोड़कर कन्याओं को पूजने से लेकर उन्हें देवी मानने तक बेटियां देश की शान बन रही हैं. आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां उनकी मौजूदगी न हो, बदलते वक्त के साथ बेटियां बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. आज उन्हीं बेटियों को सम्मान देने के लिए देश ही नहीं पूरी दुनिया में बेटी दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में आज आपको इसके पीछे के इतिहास के बारे में बताते हैं कि यह क्यों जाता हैं-
इसलिए मनाया जाता है बेटी दिवस
आज भी बेटियों के लिए यह समाज इतना सुरक्षित नहीं है जितना कि इसे होना चाहिए. आज भी कई जगहों पर बेटी के जन्म लेने को अशुभ माना जाता है, उन्हें पढाई और तमाम तरह के अधिकारों से वंछित रखा जाता है जिसकी वो हकदार हैं. महिलाओं (बेटियों) के प्रति बढते अपराधों और संकुचित मानसिकता को खत्म करने के लिए ही हर साल 24 सितम्बर को बेटी दिवस मनाया जाता है.
डॉटर्स डे का इतिहास
यूं तो बदलते समय के साथ हमारा समाज बदल रहा है मगर आज भी भ्रूण हत्या, रेप आदि के मामले हमारे सामने आते ही रहते हैं जो सभी को शर्मशार कर देते हैं इसी को लेकर हर साल बीटियां दिवस को मनाया जाता है. ताकि देश का मान और गौरव बेटियां अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और सशक्त हो सकें. कहते हैं जिस घर में बेटियां होती हैं वहां असल मायनों में खुशियों का वास होता है, इसलिए बेटियों को देवी का स्थान दिया गया है.
दिन को बना सकते हैं खास
आपको बता दें कि साल 2007 मे बेटी दिवस मनाने की शुरूआत की गई थी तभी से इसे धूमधाम से यूं ही हर साल मनाया जाता है. साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से भी इसकी शुरूआत की गई थी. आपके घर में भी बेटियां हैं तो उन्हें सम्मान देना चाहिए.
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