Premanand Maharaj: राधा केली कुंज आश्रम में सवालों की बौछार होती रहती है। प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचने वाले अनुयायी अपने हिस्से की कई सवाल उनके समक्ष रखते हैं। कोई निजी जीवन में आ रही परेशानियों का जिक्र करता है तो कोई आर्थिक व अन्य कई तरह की दिक्कतों की बात करता है। ऐसा ही सवाल एक महिला ने भी गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के समक्ष रखा। महिला ने पूछा कि ‘बच्चे को शराब की लत लग गई है। क्या करें?’ इस सवाल को सुन प्रेमानंद महाराज पहले सहज नजर आए। फिर उन्होंने अपने तार्कित अंदाज में महिला के प्रश्न का जवाब देते हुए बड़ी बात कह दी। आइए हम आपको बताते हैं कि शराब की लत छुड़वाने के लिए प्रेमानंद महाराज ने क्या उपाय सुझाया है।
युवाओं में है शराब की लत तो अभिवावक ध्यान से सुनें Premanand Maharaj की ये बात
‘बच्चे को शराब की लत लग गई है। क्या करें?’ ये सवाल उस महिला के हैं जिसके बच्चे को शराब की लत लग चुकी है। महिला के इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) कहते हैं कि “बहुत कठिन समय आ गया है। अगर आप रोकोगी तो वो आपको पीट भी सकता है, गाली भी दे सकता है, अपमान भी कर सकता है। तो इसलिए हमें लगता है कि भगवान से प्रार्थना करें कि वो उनकी बुद्धि शुद्ध कर दें। नए बच्चें ऐसे गिरते चले जा रहे हैं, जो हमारी नई पीढ़ी है, वो नशा और व्यविचार में बहुत जोर से गिरते चले जा रहे हैं। जब तक दोष रहेगा तब तक न आध्यात्मिक उन्नती होगी न लौकिक उन्नती होगी। नशेबाज लौकिक उन्नती कर सकता है क्या? व्यविचारी लौकिन उन्नती कर सकता है क्या?”
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि “हम तो भगवान से ही प्रार्थना करते हैं, उन नए-नए बच्चों प्रार्थना करते हैं, कि हमारी बात मान लो और नशा मत करो। आप पराई माता-बहनों की तरफ गंदी दृष्टि से मत देखो। ऐसे सर्वनाश हो जाएगा। शास्त्र के विरुद्ध आचरण करने वाला आज तक कभी सफल नहीं हुआ है। वो थोड़े दिन चमकता है हाइलोजन की तरह और फिर फ्यूज हो जाता है। जो धर्म की राह पर चलेगा वो दीपक की तरह बहुत लंबे समय तक जलेगा।”
धर्म के राह पर चलने की सीख देते हैं प्रेमानंद महाराज!
प्रेमानंद महाराज सदैव लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने की सीख देते हैं। बच्चे, युवा या बुजुर्ग सभी से गुरु प्रेमानंद अच्छा आचरण धारण करने और धर्म के मार्ग पर चलने की बात करते हैं। प्रेमानंद महाराज का स्पष्ट मानना है कि व्यविचार के मार्ग पर चलने वालों को क्षणिक सुख की प्राप्ति तो हो सकती है, लेकिन भविष्य में उनकी दुर्दशा होनी तय है।