Premanand Maharaj: सवाल चाहें जैसा भी गुरु प्रेमानंद (Guru Premanand) का जवाब बेहद तार्किक होता है। प्रेमानंद महाराज के समक्ष लोग व्यक्तिगत से लेकर व्यवसायिक व अन्य कई क्षेत्रों में आ रही परेशानियों से जुड़े सवाल पूछते हैं। प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) अपने अनुयायियों के सवालों का जवाब भी बड़ी तर्क के साथ देते नजर आते हैं। गुरु प्रेमानंद के बयान से जुड़ा एक वीडियो चर्चाओं का विषय बना है जिसमें वे हस्तमैथुन (Masturbate) के दुष्परिणामों की बात करते नजर आ रहे हैं। प्रेमानंद महाराज बता रहे हैं कि कैसे हस्तमैथुन की लत आज युवाओं के बर्बादी का कारण बन रहा है। प्रेमानंद महाराज के इस उपदेश को सुन लोग हक्का-बक्का रह जाएंगे।
Premanand Maharaj ने बताया Masturbate करना कैसे बन रहा युवाओं की बर्बादी का कारण?
गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने हस्तमैथुन के परिणाम पर खुल कर अपनी बात रखी है।
वीडियो यहां देखें
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि “जीवनी शक्ति वीर्य है। एक मन (40 किग्रा) अन्न खाने के बाद, एक बार बच्चा पैदा करने की सामर्थ्य वाला वीर्य अंदर आता है। हमारे शरीर में कहीं वीर्य की थैली नहीं है। जैसे पित्त की थैली होती है, ऐसे वीर्य की थैली थोड़ी है। एक मनोवाह नाड़ी है, वो रक्त की मथानी है। जिस समय हम कामवेदना और चेतना से युक्त होते हैं, वो मंथन करके पूरे शरीर से..! जब वीर्य शक्ति शरीर से निकलेगी तो पूरी नस नाड़ियों में तनाव होगा। वो शक्ति बाहर जाकर शरीर को खोखला कर देती है।”
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि “हस्तमैथुन शरीर को खोखला कर देता है। हड्डी तक की शक्ति निकाल देता है। कमर और माथा दर्द होना, ज्यादा विचार करने का सामर्थ्य न रह जाना, स्मृति न रह जाना, इसी कारण से होता है। आज पशुता बढ़ रही है। अगर कहीं डॉक्टर वाली बातें जैसे ऐसा करने (हस्तमैथुन) से स्वास्थ्य ठीक रहता है, जो हस्तक्रिया आदि है। इससे बच्चों को और बढ़ावा मिल जाता है। सबकी हम सही बात मानते हैं, लेकिन खुद के अनुभव की बताएं। यहां हमारे पास दसयों बच्चे ऐसे आ चुके हैं जो हस्तमैथुन का शिकार होकर मृत्यु का वर्ण करने के लिए तैयार हुए।”
लोगों के लिए क्यों खास है गुरु प्रेमानंद महाराज का उपदेश?
जानकारी के लिए बता दें कि गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के अनुायायियों की संख्या लाखों में है। मथुरा-वृंदावन में स्थित उनके आश्रम पर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। लोग प्रेमानंद महाराज की बातों को बेहद गंभीरता से सुनते हैं। इसका कारण हैं उनका तार्किक अंदाज और आसान भाषा में लोगों को समझाना। प्रेमानंद महाराज बेहद सहजता के साथ लोगों के जटिल से जटिल सवालों का जवाब देकर उनकी परेशानियां कम करने का काम करते हैं।