Home लाइफ़स्टाइल Psychology of Kinks and Sexual Fetishes: आज के समय में किस तरह...

Psychology of Kinks and Sexual Fetishes: आज के समय में किस तरह बदला है अपरंपरागत इच्छा, जानिए इसके प्रभाव

Psychology of Kinks and Sexual Fetishes: अगर इनके बारे में बात करें तो यह आजकल के समय में नई बात नहीं है। फिजिकली पार्टनर आजकल चीजों को एक्सप्लोर करते हैं और यह पहले के समय से काफी बदल गया है। चीजें पहले भी होती थी लेकिन आज इसे एक अलग नजरिये से देखा जा रहा है।

0
Psychology of Kinks and Sexual Fetishes
Psychology of Kinks and Sexual Fetishes

Psychology of Kinks and Sexual Fetishes: यह सच है कि आज सेक्सुअल लाइफ (Sexual Life) काफी बदल गया है और ऐसे में भी कई बदलाव आए हैं। अपरंपरागत इच्छा भी बदल गया है और किंकी सेक्स के साथ फेटीश भी आज के समय में काफी अलग नजरिए से देखा जाता है। लोग भले ही इन मुद्दों पर बात करने से कतराते हैं लेकिन यह सच है कि बदलते जमाने के साथ इसमें काफी परिवर्तन भी आए हैं। समय के साथ अजीबोगरीब इच्छाओं के भी समावेश हुए हैं। इन इच्छाओं को समझने के लिए यह जरूरी है कि Kinks और Sexual Fetishes के ऐतिहासिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संदर्भों के बारे में जाने।

क्या होता है Kinks and Sexual Fetishes

अगर किंक्स की बात कर तो यह एक यौन प्रक्रिया है जिसमें कपल्स अपनी जिंदगी को एक्साइटिंग और स्पाइसी बनाने के लिए कुछ नया खोजते हैं। वही फेटिस की बात करें तो जिन चीजों की कल्पना नहीं की जा सकती वहीं चीज लोग करना पसंद करते हैं।

Psychology of Kinks and Sexual Fetishes का बदला स्वरूप

अगर इसके इतिहास की बात करें तो यह कोई नई बात नहीं है। कामसूत्र के माध्यम से ऐसी कई इच्छाओं को बताया गया है। वैसे आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि यह विक्टोरियन पीरियड मे भी इस तरह की इच्छाएं रखी जाती थी लेकिन खुलेआम इसे दिखाया नहीं जाता था। ऐसे व्यक्ति के बारे में अगर कुछ पता चल जाता था तो उस व्यक्ति को पागल करार किया जाता था। लेकिन 20वीं सदी में सामाजिक दृष्टिकोण बदलने लगे और इन तरह की इच्छाओं को स्वीकार किया जाने लगा। अगर आज के समय की बात करें तो यह आजकल पैशन बन गया है।

Kinks and Sexual Fetishes में साइकोलॉजिकल आधार

अगर इसके बारे में साइकोलॉजिकल आधार की बात करें तो निश्चित तौर पर यंग जनरेशन जो किसी भी चीज को एक बार करते हैं। ये चाहे तो आपके मन में खुद ही विकसित होती है या तो आप ये कहीं से देखते हैं। ये इच्छाएं असामान्य होते हैं लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं और आपको लगता है ऐसा करने के बाद आपको अच्छा लगा तो यह धीरे-धीरे विकसित होने लगता है। किंक्स के तौर पर शुरुआत भले हुई हो लेकिन यह आपकी इच्छा बन जाती है।

जरूर दें इन चीजों पर ध्यान

यह जरूरी है कि किंक्स और फेटीश में दो पार्टनर के बीच सहमति होनी जरूरी है ताकि वे दोनों इसे इंजॉय कर सके। यह जरूरी है कि दोनों एक दूसरे के साथ कंफर्टेबल हो नहीं तो चीजें बिगड़ सकती है और यह किसी एक को परेशान करने के लिए काफी है। ऐसे में दो लोगों के बीच बातचीत होना जरूरी है और उनके बीच कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए।

Kinks and Sexual Fetishes के फायदे

अगर इसके फायदे के बारे में बात करें तो यह सच है कि इससे मानसिक लाभ होते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे में लोग अपनी खुशियों की तलाश करने लगते हैं और इससे दो लोगों के बीच झिझक खुलता है। इसके अलावा कुछ नया आता है और दो लोगों के बीच नजदीकीयाँ भी बढ़ती है। आप इमोशनली स्ट्रांग हो पाते हैं।

Kinks and Sexual Fetishes के प्रभाव

अगर इसके प्रभाव की बात करें तो इस दौरान आपको सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि ऐसे में पार्टनर की सहमति होनी जरूरी है। भूल कर भी अपने पार्टनर पर दबाव न डालें क्योंकि इससे आप इंजॉय करने के बदले आपकी जिंदगी बोरिंग हो सकती है। इस बात का खास ख्याल रखें की आपका पार्टनर कंफर्टेबल हो और उन्हें इससे कोई भी परेशानी ना हो। कोई भी चीज आपके दिमाग पर ज्यादा असर न करें।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Exit mobile version