Sri Sri Ravi Shankar Tips: आधुनिक समय में प्यार और परिवार में से किसी एक को चुनना आपके लिए कितना कठिन है? ये सवाल अचानक सुर्खियों में तब आया जब आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर (Sri Sri Ravi Shankar Tips) का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वायरल क्लिप में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर अनुयायियों को प्यार और परिवार में किसे चुनना चाहिए ये बता रहे हैं। आध्यात्मिक गुरु इस सवाल से जुड़ा जवाब साझा करते हुए बड़ी कह देते हैं जिसे सुन लोगों की आंखे खुल सकती हैं।
Sri Sri Ravi Shankar Tips के माध्यम से जानें प्यार या परिवार, किसे चुनना बेहतर?
‘गुरुदेव हिंदी’ नामक यूट्यूब चैनल से एक शॉर्ट वीडियो क्लिप जारी किया गया है। इस वीडियो में एक शख्स सवालों के क्रम में पूछता है कि ‘मुझे प्यार किसी और से है और घर वालों की खुशी के लिए शादी किसी और से कर रही हूं? क्या ये सही है? इसका जवाब देने से पहले आध्यात्मिक गुरु पहले खुद हंसते हैं। फिर वो बड़ी बात कहते हुए आधुनिक समाज में रहने वाले लोगों लिए संदेश जारी करते हैं।
श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं कि “तुम्हारे साथ हो जाउं तो तुम्हारे परिवार और होने वाले परिवार को दु:ख होगा। तुम्हारे जो प्रीतम हैं उसको भी बुरा लगेगा। ध्यान-व्यान भी छोड़-छाड़ देंगे। तुम मोह प्रेम सब एक जगह छोड़ो और मैं खुद ही प्रेम स्वरूप हूं ये जानकर ध्यान करो।”
रविशंकर जी बड़ी रेखा खींचते हुए कहते हुए कहते हैं कि “क्या गारंटी है? आज तुम किसी से प्रेम करके शादी कर लो, मान लो साल भर बाद तुम्हें लगेगा कि ये आदमी ठीक नहीं है। कहीं और जाना हो तो क्या करोगे? अरे 10-10 साल बाद भी लोगों को लगने लग जाता है मैनें कहां किससे शादी कर ली? किसके गले पड़ गए? ये क्या हो गया?” आध्यात्मिक गुरु इशारों-इशारों में अपने बातों से संदेश देते हैं कि खुद को प्रेम स्वरूप समझकर ध्यान करें और बड़े-बुजुर्गों की बात का ख्याल कर जीवन का फैसला लें।
प्यार या परिवार चुनने को लेकर क्या है भ्रम?
आधुनिकता के इस युग में व्यक्ति रिश्तों की डोर में बंधा हुआ है। उसके लिए अपना परिवार भी महत्वपूर्ण है और प्यार भी। हालांकि, कई जगहों पर प्यार और परिवार में से किसी एक को चुनना लोगों के लिए चुनौती बन जाती है। ऐसा ज्यादाकर इसलिए होता है क्योंकि प्यार और परिवार को लेकर दोनों के बीच भ्रम जाल तैयार हो जाता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आपसी मनमुटाव का समाधान करें और निसंदेह रूप से सबको समाहित कर एक साथ चलने की कोशिश करें।