Premanand Maharaj: लोगों के मन में अनेकों तरह के सवाल उपजते हैं। इनका जवाब जानने के लिए कई सारे लोग खूब जद्दो-जहद करते हैं। कुछ लोग विशेषज्ञों की राय लेते हैं तो वहीं कुछ ऐसे हैं जो धार्मिक गुरुओं के पास जाकर मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। ऐसे ही एक धार्मिक गुरु हैं प्रेमानंद महाराज। गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के आश्रम में भक्तों का जमावड़ा लगा रहता हैं।
प्रेमानंद महाराज के अनुयायी अपने मन में उठ रहे तमाम सवालों को भी उनके समक्ष रखते हैं। ऐसा ही एक सवाल प्रेमानंद महाराज से एक महिला ने पूछा जो उनके दरबार में पहुंची थी। महिला का सवाल था कि ‘पति में कामवासना बहुत है, पर मेरे शरीर से कामवासना खत्म हो गई है। ऐसी स्थिति में क्या करूं?’ महिला द्वारा पूछे गए इस सवाल का जवाब गुरु प्रेमानंद (Guru Premanand) महाराज ने ऐसे तार्किक अंदाज में दिया जिसे सुन कर आपकी आंखें खुली रह जाएंगी।
पति में ‘कामवासना’ बहुत है तो क्या करे पत्नी? Premanand Maharaj ने बताया उपाय
‘पति में कामवासना बहुत है, पर मेरे शरीर से कामवासना खत्म हो गई है। ऐसी स्थिति में क्या करूं?’ एक महिला के सवाल का जवाब देते हुए गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) बेहद तार्किक अंदाज में जवाब देते हैं।
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गुरु प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) का कहना है कि “जब पति और पत्नी पानीग्रहण करते हैं तो दोनों को सहयोग करके मित्रभाव से चलना चाहिए। हमे अपनी रुचि दूसरे पर नहीं थोपना चाहिए। हम दोनों एक मार्ग के साथी हैं, तो हमे अपनी रुचि उसके अनुकूल और उसकी रुचि अपने अनुकूल करना चाहिए। अगर आपकी रुचि नहीं है तो पति को मनाइए और अपने रुचि में उसको अनुकूल कीजिए। अगर वो अनुकूल नहीं होता तो आप कोशिश कीजिए।”
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि “आपकी वृत्ति के कारण कहीं वो (पति) व्यविचार में न उतर जाए, गंदे मार्ग पर न जाए। आप उसके साथी हो, आपका ब्रह्मचर्य उतना महान नहीं होगा जितना पति की अराधना महान होगी। पति एक मित्र है, दोनों मिलकर संसार मार्ग पर चल रहे हैं। ऐसे में दोनों की रुचि मिलनी चाहिए। अगर दोनों दोनों ब्रह्मचर्य हो या एक की रूचि नहीं तो दूसरे को सपोर्ट करना चाहिए, कि कहीं उसका मार्ग न भ्रष्ट हो जाए।”
आधुनिक समय को देखते हुए गुरु प्रेमानंद कहते हैं कि “हम देखते हैं कि चार दिन बाद पति-पत्नी तलाक..ये क्या है? सिर्फ अपनी रुचि का पोषण नहीं होना चाहिए। एक-दूसरे की रुचि का आदर करें, तभी जीवन यात्रा चलेगी। नहीं तो आप ब्रह्मचारी बनकर बैठे रहे और एक व्यविचार में प्रवद्ध हो जाए। आपने पानी ग्रहण किया था, ये आपकी मित्रता नहीं रहेगी। हां वो बहुत ही व्यविचारी है, तो फिर अपने को अलग कर लेना चाहिए। अगर वो एक पत्नीवृत है तो हमे उसका सहयोग करना चाहिए। उसमें ब्रह्मचर्य की प्रवृति न रखकर अपने पति की अनुकूलता की प्रवृति रखनी चाहिए।” बता दें कि ये वीडियो ‘प्रेमानंद महाराज आईजी’ के इंस्टाग्राम हैंडल से जारी किया गया है।
कठिन सवालों का जवाब भी सहजता से देते हैं गुरु प्रेमानंद महाराज?
बता दें कि गुरु प्रेमानंद का दरबार वृंदावन में स्थित राधाकेली कुंज आश्रम में लगता है। उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने हजारों की संख्या में लोग जाते हैं। गुरु प्रेमानंद (Premanand Maharaj) के अनुयायी उनके समक्ष प्रश्नों की झड़ी लगाते हैं। प्रेमानंद महाराज की खास बात ये है कि वे बिना असहज हुए बड़ी सहजता और शालीनता से कठिन से कठिन सवालों का जवाब आसानी से देते हैं।