Dog Bites: क्लाइमेट में बदलाव के कारण मनुष्यों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इस बदलाव का असर सिर्फ मनुष्यों पर नहीं बल्कि जानवरों पर भी पड़ा है। डॉग्स भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। जिसको लेकर कुत्तों पर एक रिसर्च की गई है। जानें क्या कहता है ये रिसर्च।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च
हाल ही में Harvard University ने क्लाइमेट में बदलाव से कुत्तों पर क्या प्रभाव पड़ा है, इसको लेकर एक शोध किया है। इस शोध के अनुसार, जैसे-जैसे तापमान में परिवर्तन होता है, वैसे ही कुत्तों के बिहेवियर में भी बदलाव देखा गया है।हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने ये शोध किया है। शोध का उद्देश्य था ये पता लगाना कि, क्या क्लाइमेट में बदलाव के कारण ही कुत्ते अधिक गुस्सैल हो जाते हैं और मनुष्यों पर हमला करते हैं।
जानें गर्मियों में क्यों काटते हैं कुत्ते?
इस शोध में बताया गया है कि जैसे-जैसे पृथ्वी का तापमान और ओज़ोन लेवल बढ़ता है उसी के साथ कुत्तों के काटने की दर भी बढ़ती है।लेकिन पीएम 2.5 के संपर्क में नहीं बढ़ती। इसके अलावा उच्च यूवी रेज़ के स्तर और कुत्ते के आक्रमक होने की दरों में भी संबंध बताय गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि, जानवरों में आक्रमकता एक सामान्य व्यवहार है। ये किसी भी कारण से हो सकता है। चाहे वह संसाधन प्राप्त करना, साथियों के लिए प्रतिस्पर्धा, आत्मरक्षा या फिर जनजाति के सदस्यों की रक्षा हो। ये शोध Rhesus बंदरों और चूहों पर भी किया गया है। उनमें समान व्यवहार पाया गया है। उन्होंने आगे बताया कि, उच्च तापमान की वजह से कुत्ते अधिक आक्रामक हो जाते हैं, और मनुष्यों को काटते हैं।
9 साल चली रिसर्च
बता दें कि ये रिसर्च 2009 से 2018 तक चली। जहां अमेरिका के 8 बड़े शहरों में 69525 बार कुत्तों का इन्सानों को काटने की रिपोर्ट दर्ज की गई। इनका विश्लेषण किया गया और पर्यावरण में बदलाव के कारण ऐसा होने से संबंध जोड़ा गया। इस रिसर्च में पाया गया कि गर्मियों में कुत्तों के काटने की दरें बढ़ जाती हैं। लेकिन बारिश और ठंड के मौसम में कुत्तों में आक्रमकता कम हो जाती हैं।
शोधकर्ताओं ने चूहों और मनुष्यों पर किए गए रिसर्च से ये निष्कर्ष निकाला है कि सेक्स-स्टेरॉयड के स्तर में बढ़ोत्तरी के कारण हाई यूवी रेयज़ में भी बढ़ोत्तरी होती है। जिसकी वजह से कुत्ते इन्सानों को काटने लगते हैं। रिसर्चर्स की टीम का कहना है कि, ओजोन, जिसमें तेज गंध है, अत्धिक प्रतिक्रियाशील है, वायुमार्ग में ऑक्सीडेविट तनाव को ट्रिगर करता है, और जानवरों में सांस लेने की क्रिया को बाधित करता है।
उन्होंने समझाते हुए कहा, श्वास क्रिया में बाधा आने के कारण जानवरों में तनाव बढ़ता है। जिससे की मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है। इसी वजह से गर्मियों में कुत्ते अधिक आक्रमक होते हैं।
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