1975 Emergency: जब से मोदी सरकार द्वारा हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने का फैसला किया गया है तब से ही सियासत पूरी तरह से गरमाई हुई है। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने द्वारा 12 जुलाई को इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी गई थी। उन्होंने लिखा था कि “भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है।
यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था”। इसी बीच इसपर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने इसपर अपनी बात रखी।
पी चिदंबरम ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता और सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि “आपातकाल एक गलती थी और इसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया था। हमने संविधान में संशोधन किया है ताकि इतनी आसानी से आपातकाल नहीं लगाया जा सके। भाजपा 18वीं या 17वीं सदी में वापस क्यों नहीं जा रही है?
आज रहने वाले 75 प्रतिशत भारतीय 1975 के बाद पैदा हुए हैं। 50 साल बाद आपातकाल के सही और ग़लत पर बहस करने का क्या मतलब है? भाजपा को अतीत भूल जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ”हमने अतीत से सबक सीखा है।”
इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई थी इमरजेंसी
गौरतलब है कि 1975 का आपातकाल भारतीय इतिहास में एक भयानक अवधि थी, जो तीव्र राजनीतिक उथल-पुथल और नागरिक स्वतंत्रता के दमन से चिह्नित थी। तत्कालीन प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी।
हर साल मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस
मालूम हो कि 12 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर हर साल संविधान हत्या दिवस मनाने को लेकर जानकारी दी थी इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।