Prashant Kishor: उत्तर भारत में सियासी सरगर्मी बढ़नी शुरू है। इसका खास कारण है वर्ष 2025 में होने वाला बिहार विधानसभा (Assembly Election 2025) का चुनाव। चुनाव की भूमि भले ही बिहार है, लेकिन इसकी तापिश यूपी, झारखंड के साथ कुछ अन्य राज्यों में भी महसूस की जा रही है। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन से इतर एक विकल्प का उदय हुआ है। इसकी पहचान जन सुराज (Jan Suraaj) पार्टी के रूप में है। जनसुराज के प्रमुख हैं प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) जो कभी सीएम नीतीश कुमार के करीबी रह चुके हैं। देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी समीकरण साधने और उन्हें सलाह देने का काम कर चुके प्रशांत किशोर अब अपनी अग्ननिपरीक्षा की तैयारी मे हैं। यही वजह है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जन सुराज और प्रशांत किशोर की तैयारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
Nitish Kumar से खटक के बाद क्या बिहार में चलेगा Prashant Kishor का सिक्का?
बिहार में क्या प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का सिक्का चलेगा? इस सवाल का जवाब देना अभी जटिल है या यूं कहें कि इस सवाल का पुख्ता जवाब देना अभी जल्दबाजी होगी। दरअसल, प्रशांत किशोर कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के करीबी नेताओं में से एक थे। प्रशांत किशोर को जेडीयू में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद भी दे दिया गया था। हालांकि, बिगड़ते सामंजस्य के कारण नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच खटक पैदा हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर अपने अलग राह पर चले और अब बिहार की जनता के सामने एक विकल्प के रूप मे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में प्रशांत किशोर का सिक्का चलेगा?
बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार ग्राउंड पर काम कर रहे हैं। 2 अक्टूबर 2024 को लॉन्च हुई जनसुराज पार्टी का विस्तार भी तेजी से किया जा रहा है। जन सुराज के कार्यकर्ता प्रशांत किशोर के विजन को बिहार के कोने-कोने में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में एक बाद तो स्पष्ट है कि जन सुराज विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पूरी तरह के तैयार है। हां, देखना ये दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी किस समीकरण को साध चुनावी मैदान में उतरती है ताकि उसका सिक्का चल सके?
Bihar Assembly Election 2025 के लिए कितनी तैयार है Jan Suraaj?
जनसुराज पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अभी से जोर लगा रही है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के नेतृत्व में पार्टी को सांगठनिक स्तर पर मजबूती देने का काम किया जा रहा है। बूथ लेवल से लेकर जिला स्तर तक, जनसुराज का संगठन लगातार मजबूती से लोगों को जोड़ रहा है। विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जन सुराज पार्टी कितनी तैयार है इसके लिए विधान उपचुनाव के समीकरण देखने अनिवार्य हैं।
बता दें कि बिहार विधानसभा उपचुनाव जनसुराज का पहला आधिकारिक चुनाव था। इसके तहत 4 सीटों पर हुए चुनाव में जनसुराज के उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन किया। 4 में से 3 सीटों (तरारी, इमामगंज, बेलागंज) पर जनसुराज के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे। वहीं एक सीट (रामगढ़) में प्रशांत किशोर की पार्टी चौथे नंबर पर रही थी। इमामगंज और बेलागंज में जनसुराज के उम्मीदवारों को क्रमश: 37103 वोट और 17285 वोट मिले थे। वहीं तरारी और रामगढ़ में जनसुराज के उम्मीदवारों को मिलने वाली वोटों की संख्या क्रमश: 5622 और 6513 थी।
विधानसभा उपचुनाव में दस्तक देने और अच्छा वोट हासिल कर प्रशांत किशोर की जनसुराज ने विकल्प के रूप में एक रेखा अवश्य खींच दी है। लोगों के बीच प्रशांत किशोर की स्वच्छ छवि, उनकी उमदा भाषण शैली को लेकर चर्चा है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर की पार्टी पूरे जोर के साथ 2025 विधानसभा चुनाव के रण में उतरेगी। हां, जनसुराज का समीकरण क्या होगा, क्या जन सुराज किसी दल के साथ गठबंधन करेगी? इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। सब की निगाहें बस चुनावी दौर का इंतजार कर रही हैं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
संगठन को मजबूती देना प्रशांत किशोर के लिए बड़ी चुनौती!
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में चुनावी रण की तैयारी में जुटी जनसुराज पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है संगठन को मजबूती देना। प्रशांत किशोर ने भले ही सामाजिक समीकरण को साधते हुए दलित समुदाय से आने वाले मनोज भारती को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व सांसद मोनाजिर हसन और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव ने जनसुराज की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इन दोनों नेताओं ने प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी जनसुराज के लिए संगठन का विस्तार कर इसे मजबूती देना बड़ी चुनौती है।