Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए मसला हल हुआ नहीं कि विभागों के बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। CM पद की शपथ लेने के बाद देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) आज मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचेंगे। अब से देवेन्द्र फडणवीस के लिए एक नए दौर की शुरुआत होगी। सवाल ये है कि महायुति (Mahayuti) की नई सरकार का संचालन क्या सरल होगा? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और अजित पवार का खेमा भी नई सरकार में अपनी हिस्सेदारी को लेकर सजग है। वित्त, गृह, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोक निर्माण विभाग (PWD) जैसे अहम महकमों पर सबकी नजरें टिकी हैं। ऐसे में अजित पवार (Ajit Pawar) और एकनाथ शिंदे के साथ समीकरण साध कर सरकार चलाना देवेन्द्र फडणवीस के लिए क्या आसान होगा?
Devendra Fadnavis के शपथ के बाद विभागों के बंटवारे पर चर्चा तेज!
देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ तो ले ली है। हालांकि, शपथ ग्रहण से पहले महाराष्ट्र में चला राजनीतिक घटनाक्रम किसी से छिपा नहीं है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की जिद, उनका सतारा चले जाना, शिवसेना (Shiv Sena) का अंतिम क्षण तक मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी करना, कई संभावनाओं की ओर संकेत देता है। हालांकि, अब देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की शपथ तो हो चुकी है। ऐसे में विभागों पर बंटवारे को लेकर चर्चा तेज है। सबकी निगाहें गृह, वित्त, कृषि, PWD, स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे विभागों पर टिकी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति की नई सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार का फॉर्मूला क्या होता है।
Eknath Shinde व Ajit Pawar खेमे में क्या है तैयारी?
महायुति की दो अहम कड़ी एकनाथ शिंदे और अजित पवार (Ajit Pawar) के खेमे में गहमा-गहमी शुरू है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और अजित पवार ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले ली है। ऐसे में अब अंदरखाने क्या तैयारी चल रही है इसको लेकर चर्चा जोरों पर हैं। ‘नवभारत टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार आगामी बुधवरा तक मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना है। इसके संकेत शिवसेना नेता भरत गोगावले और संजय शिरसाट के हवाले से दिए गए हैं। रिपोर्ट में आसार जताए गए हैं कि शिवसेना गृह मंत्रालय के साथ राजस्व, लोक निर्माण विभाग (PWD) और ऊर्जा विभाग जैसे महकमों को चाहती है।
अजित पवार खेमे की नजर वित्त मंत्रालय के साथ कृषि, बंदरगाह, राहत और पुनर्वास, सहकारिता, और सामाजिक न्याय जैसे महकमे पर है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि महायुति (Mahayuti) की नई सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर क्या फैसला लिया जाता है।